अश्विनी उपाध्याय का बयान: अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि संविधान की शपथ लेने वाले मौन हैं जबकि महाराष्ट्र में संविधान का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने हिंदी को भारत की राष्ट्र भाषा बताते हुए संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेदों का जिक्र किया।
मुंबई,14 जुलाई: अश्विनी उपाध्याय ने एक वायरल वीडियो में कहा कि हमारे संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, और जिन लोगों ने संविधान की शपथ ली है, वे मौन हैं। वे विशेष रूप से उन लोगों पर सवाल उठा रहे हैं जो बार-बार सेक्युलरिज्म और संविधान की बात करते हैं, लेकिन आज संविधान के उल्लंघन को देखकर चुप हैं। उनका कहना है कि महाराष्ट्र में संविधान का मजाक बनाया जा रहा है और यह स्थिति गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने संविधान के कुछ अहम अनुच्छेदों को भी उजागर किया। आर्टिकल ४३ में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हिंदी भारत की राष्ट्र भाषा है और हिंदी के प्रचार-प्रसार को हर भारतीय का कर्तव्य माना गया है। वहीं आर्टिकल ३४४ के तहत एक भारतीय भाषा आयोग का गठन होगा, जो हिंदी के प्रचार-प्रसार और उसे कनेक्टिंग लैंग्वेज बनाने के सुझाव देगा। यह आयोग संसद के दोनों सदनों में चुने गए सदस्यों से बनेगा।निश्चित करें, ताकि नागरिकों को राहत मिल सके और नियमों का पालन हो।
उपाध्याय ने आर्टिकल ३४८ का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि तब तक कोर्ट में अंग्रेजी का प्रयोग चलेगा जब तक कानून कुछ और नहीं कहता। यदि कोई नया कानून बनता है तो अंग्रेजी बंद हो सकती है। आश्विनी उपाध्याय का यह बयान वर्तमान में भाषा और संविधान के प्रति लोगों के नजरिए पर गहरा प्रभाव डाल रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है।
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