मुंबई, 2 जुलाई 2025: उपभोक्ता अधिकारों की दिशा में एक बड़ी जीत दर्ज करते हुए मुंबई की जिला ग्राहक विवाद निवारण आयोग (Consumer Court) ने ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड और चर्चगेट स्थित एक दुकानदार को एक महिला उपभोक्ता को ₹1.75 लाख मुआवजा देने का आदेश दिया है।
यह मामला 2019 का है, जब मालाड की रहने वाली 34 वर्षीय आईटी प्रोफेशनल महिला ने चर्चगेट स्टेशन के पास स्थित ‘अशोक एम शाह’ नामक दुकान से गुड डे बिस्किट का पैकेट खरीदा था। बिस्किट खाते वक्त उन्हें उल्टी और मतली महसूस हुई। जब उन्होंने पैकेट को चेक किया, तो उसमें जिंदा कीड़ा मिला।
महिला द्वारा दुकानदार को सूचित करने पर उसे अनदेखा किया गया। जब उन्होंने ब्रिटानिया के कस्टमर केयर से संपर्क किया, तो वहां से भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इसके बाद महिला ने बिस्किट को बीएमसी के फूड एनालिस्ट डिपार्टमेंट को जांच के लिए भेजा। रिपोर्ट में साफ कहा गया कि बिस्किट मानव उपभोग के योग्य नहीं है।
महिला ने फरवरी 2019 में ब्रिटानिया को कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला। मार्च 2019 में उन्होंने ग्राहक संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत केस दायर किया।
करीब 30 से 35 सुनवाइयों के बाद, आयोग ने 27 जून 2025 को फैसला सुनाया कि:
-
ब्रिटानिया कंपनी ₹1.5 लाख मुआवजा देगी
-
दुकानदार ₹25,000 का हर्जाना देगा
-
यह राशि 45 दिनों के भीतर अदा करनी होगी, वरना 9% सालाना ब्याज देना होगा।
दिलचस्प बात यह रही कि ब्रिटानिया ने कोर्ट में कोई बचाव या जवाब नहीं दिया। मीडिया द्वारा संपर्क किए जाने पर भी कंपनी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यह मामला उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा संदेश है कि अगर आपके साथ अन्याय होता है, तो कानून आपके साथ है — बशर्ते आप आवाज उठाने का साहस करें।
दहानू: जल टंकी गिरने से दो छात्राओं की मौत, दो अभियंता सस्पेंड | Metro City Samachar