महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाथी माधुरी की वापसी को लेकर वंतर्रा टीम से चर्चा की योजना बनाई है। कोल्हापुर में पुनर्वास केंद्र और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका की तैयारी चल रही है।
मुंबई, 6 अगस्त: 36 वर्षीय हाथी ‘माधुरी’, जो पिछले 30 सालों से कोल्हापुर के नंदनी मठ की पहचान रही है, उसकी वापसी की मांग अब एक जनआंदोलन बन चुकी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ किया है कि राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। वनतारा टीम से चर्चा कर हाथी को नंदनी मठ वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की जाएगी और नंदनी मठ को भी इसमें शामिल होकर राज्य सरकार का सहयोग लेना चाहिए।
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कोल्हापुर में नया पुनर्वास केंद्र, समुदाय की भावना को मिलेगा सम्मान
वनतारा टीम ने भी इस मामले में लचीलापन दिखाया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने की बात कही है और साफ किया है कि वे माधुरी की कस्टडी नहीं चाहते। उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया कि कोल्हापुर में ही एक आधुनिक पुनर्वास केंद्र बनाया जाएगा, जिसमें हाइड्रोथैरेपी तालाब, 24×7 क्लिनिक और खुला आवास क्षेत्र होगा। यह प्रस्ताव कोल्हापुर के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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अदालत में जाएंगे राज्य और मठ, वन विभाग रखेगा निष्पक्ष भूमिका
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि नंदनी मठ और राज्य सरकार मिलकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि वह अदालत में निष्पक्ष भूमिका निभाए और दूसरी जगह हाथियों के आंकड़े इकट्ठा करे। साथ ही उन्होंने इस बात का भी समर्थन किया कि माधुरी की वापसी की मांग को लेकर जिन लोगों पर आंदोलन के दौरान केस दर्ज हुए, उन्हें वापस लिया जाना चाहिए।
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जनभावनाओं से जुड़ा मामला, सरकार हर कानूनी रास्ता आजमाएगी
कोल्हापुर के लोगों और माधुरी के बीच का भावनात्मक जुड़ाव बहुत मजबूत है। मुख्यमंत्री ने इस बात को खुलकर स्वीकारा और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार माधुरी की वापसी के लिए हर कानूनी विकल्प आजमाएगी। इस दौरान सभी दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे और सभी ने एकमत से इस प्रयास का समर्थन किया। एक विशेष टीम भी बनाई जाएगी जो माधुरी की देखभाल और पुनर्वास को सुनिश्चित करेगी।
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