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Dwarka Hotel Nalasopara Fire Case : द्वारका होटल अग्निकांड में ठेकेदार के खिलाफ किया अपराध दर्ज, मनपा अधिकारी को कैसे मिली क्लीनचिट?

Dwarka Hotel Nalasopara Fire Case : अचोले रोड चंदन नाका के समीप द्वारका होटल में लगी भीषण आग के मामले में अचोले पुलिस ने चार दिन बाद ठेकेदार के खिलाफ मामला दर्ज किया है. यह मामला इसलिए दर्ज किया गया है क्योंकि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि लापरवाही से सड़क खोदते समय गैस पाइपलाइन फ़टने के कारण आग लगी।

मंगलवार, 30 अप्रैल को अचोले में द्वारका होटल में आग लग गई थी। सड़क खोदते समय गुजरात गैस पाइपलाइन फ़टी और देखते ही देखते द्वारका होटल जलकर ख़ाक हो गया. होटल कर्मचारियों और ग्राहकों समेत 13 लोग घायल हुए जिनमें 8 लोग बुरी तरीके से ज़ख़्मी हो गए. इस होटल के सामने की सड़क, सीवरेज के लिए खोदी जा रही है लेकिन वह काम लापरवाह तरीके से शुरू होता है.

बीते मंगलवार दोपहर करीब 3.30 बजे जब जेसीबी सड़क खोद रही थी, तभी गुजरात गैस पाइपलाइन फट गई और होटल में आग लग गई. इस मामले में अचोले पुलिस ने जेसीबी चालक और सड़क ठेकेदार पर लापरवाही से काम करके मानव जीवन को खतरा पैदा करने का आरोप लगाया है.

मामले की प्रारंभिक जांच पूरी होने के बाद, अचोले पुलिस स्टेशन के पुलिस उप-निरीक्षक मंगेश वडणे ने शिकायत दर्ज की। इस शिकायत के अनुसार, ठेकेदार, जेसीबी के चालक और अन्य के खिलाफ भारतीय विद्युत नियामक अधिनियम की धारा 138 के साथ-साथ IPC की धारा 285, 336, 337, 338, 427 सहित कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि अचोले पुलिस ने हादसे से कुछ दिन पहले ही अचोले पुलिस ने वसई विरार मनपा को सजग करते हुए पत्र भी लिखा था और लापरवाही का जिक्र किया था कि सीवर का काम ठीक से नहीं किया जा रहा है और इससे इलाके की इमारतों को खतरा हो सकता है.  बावजूद इसके होटल अग्निकांड में वसई विरार मनपा के लापरवाह सिस्टम का जिक्र ना होना अपने आप में संदेहास्पद और सवालिया निशान खड़े करता है.

वसई विरार मनपा के अधिकारी को घटना से पहले ही पुलिस और सोसाइटी द्वारा सचेत किया गया था, बावजूद इसके वसई विरार मनपा के अधिकारियों ने इस गंभीर मामले का संज्ञान नहीं लिया  और ठेकेदार को मनमाने तरीक़े से काम करने की छूट दी. क्या वसई विरार मनपा द्वारा इस तरह का बेफ़िक्र और असावधानतः व्यवहार के लिए कोई अपराध नहीं बनता? 

स्थायी कार्य पालिका का मुख्य कार्य, विधि-व्यवस्था का संचालन करना है परन्तु जब भी लालफ़ीताशाही पर स्वयं की ज़िम्मेदारी तय करने की बात आती है तो पूरी व्यवस्था इनके लिए नरबलि के जुगाड़ में लग जाती है और द्वारका होटल अग्निकांड में ठीक यही हुआ. वसई विरार मनपा के लिए नरबलि मिला ठेकेदार और जेसीबी का चालक! 

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