मुंबई फिल्म फेडरेशन ने दिल्ली में श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से मुलाक़ात कर मजदूरों की समस्याएँ रखीं। मंत्री ने आश्वासन दिया कि जल्द “फिल्म इंडस्ट्री लेबर वेलफेयर पॉलिसी” बनेगी और मजदूरों की सुरक्षा व अधिकारों को सुनिश्चित किया जाएगा।
मुंबई,29 अगस्त: फिल्म इंडस्ट्री की चमक-धमक के पीछे हजारों मजदूर और तकनीशियन कड़ी मेहनत करते हैं। लेकिन उन्हें अनियमित वेतन, लंबी शिफ्ट्स, छुट्टियों की कमी और असुरक्षित माहौल जैसी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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फेडरेशन की दिल्ली में पहल
मुंबई फिल्म फेडरेशन के अध्यक्ष बी. एन. तिवारी, महासचिव अशोक दुबे और कोषाध्यक्ष एडवोकेट गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव (संजु) ने दिल्ली में केंद्रीय श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से मुलाकात कर इन समस्याओं को विस्तार से रखा।
🔎 प्रमुख माँगें :
- 12 घंटे से अधिक काम न कराया जाए
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हर मजदूर को कम से कम चार मासिक अवकाश मिले
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समय पर मेहनताना दिया जाए
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सेट पर भोजन की गुणवत्ता बेहतर हो
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हर सेट पर फायर सेफ्टी और मेडिकल सुविधाएँ अनिवार्य हों
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👥 सरकार की प्रतिक्रिया
श्रम मंत्री डॉ. मांडविया ने मजदूरों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि इन्हें जल्द हल किया जाएगा। उन्होंने मुंबई फिल्म सिटी का दौरा करने का वादा किया और संकेत दिया कि सरकार जल्द ही “फिल्म इंडस्ट्री लेबर वेलफेयर पॉलिसी” लाएगी।
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मजदूरों के लिए उम्मीद की नई किरण
बैठक के बाद फेडरेशन पदाधिकारियों ने इसे सकारात्मक पहल बताया। अध्यक्ष बी. एन. तिवारी ने कहा कि यह मजदूरों के लिए नई उम्मीद है। महासचिव अशोक दुबे और कोषाध्यक्ष श्रीवास्तव ने भी भरोसा जताया कि जल्द ही सुधार दिखेगा।
यह बैठक न केवल फिल्म मजदूरों की दशा सुधारने की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि अब फिल्म इंडस्ट्री के असली स्तंभ,मजदूर और तकनीशियन को सम्मान और अधिकार दिलाने की कोशिश हो रही है।