मुंबई में आयोजित ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025 में अहिबरन ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. विशाल कुमार को उनके नेतृत्व और नवाचार में योगदान के लिए भारत के टॉप 20 लीडर्स में शामिल किया गया।
मुंबई, 6 अगस्त: मुंबई के गोरेगांव स्थित रैडिसन होटल में ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025 का भव्य आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में दुनियाभर से नेताओं, इनोवेटर्स और चेंजमेकर्स ने हिस्सा लिया। समिट का उद्देश्य था नेतृत्व, समाजिक बदलाव और इनोवेशन को पहचान देना और उन्हें प्रोत्साहित करना। इस मंच पर डॉ. विशाल कुमार, अध्यक्ष – अहिबरन ग्रुप, को भारत के शीर्ष 20 नेताओं में से एक के रूप में सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके दो दशकों से अधिक के बहुआयामी अनुभव और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की उनकी प्रतिबद्धता को समर्पित था।
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दिग्गजों की मौजूदगी में मिला सम्मान
इस समिट में कई क्षेत्रों के प्रभावशाली व्यक्तित्व शामिल हुए। मुख्य वक्ताओं में थीं अभिनेत्री सोनल चौहान, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला, विधायक संजय उपाध्याय, डीआईजी सीआरपीएफ आर.एस. रौतेला, अडानी जेम्स एजुकेशन के सीईओ फ्रांसिस जोसेफ, पूर्व कैडिला वाइस प्रेसिडेंट डॉ. पी.के. राजपूत, और कई अन्य उद्योग व शिक्षा जगत के नेता।इतनी प्रतिष्ठित शख्सियतों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। डॉ. विशाल कुमार को इस मंच से मिला सम्मान, उनके 22 वर्षों के अनुभव और समाज-राजनीति, शिक्षा तथा इंडस्ट्री में किए गए कार्यों का एक सार्थक परिणाम है।
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डॉ. कुमार की यात्रा: नेतृत्व से बदलाव तक
डॉ. विशाल कुमार का नेतृत्व केवल एक कॉर्पोरेट चेहरा नहीं है, बल्कि वे एक सामाजिक परिवर्तन के वाहक भी हैं। उन्होंने शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, और डिजिटल विकास जैसे क्षेत्रों में कई सफल पहल की हैं। उनके अनुसार, “असली नेतृत्व वह है जो दूसरों के जीवन को बेहतर बनाए।” उनका यह सम्मान, नए और उभरते नेताओं को प्रेरणा देगा कि कैसे कड़ी मेहनत, दूरदृष्टि और जनसेवा की भावना के साथ बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
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समिट ने दिया विजन, नेतृत्व को दी नई पहचान
ग्लोबल लीडरशिप समिट 2025 केवल एक अवॉर्ड शो नहीं था, बल्कि यह विचारों, अनुभवों और प्रेरणाओं का संगम था। आयोजकों ने उत्कृष्ट मंच तैयार कर ऐसे लीडर्स को उजागर किया जो बदलाव के वाहक हैं। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि भारत में ऐसे कई नेतृत्वकर्ता हैं जो अपने काम से समाज और देश को नई दिशा दे रहे हैं। डॉ. विशाल कुमार जैसे नेताओं की पहचान और सराहना इस बात का प्रमाण है कि अच्छा काम कभी अनदेखा नहीं रहता।