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Gyanvapi Masjid: क्या है व्यासजी का तहखाना, 31 साल बाद मिली जिसमें पूजा करने की परमिशन

Gyanvapi Masjid

Gyanvapi Masjid Vyasji Tahkhana Controversy: वाराणसी की विवादित ज्ञानवापी मस्जिद में बने व्यासजी के तहखाने में पूजा करने के मामले में आज जिलाधीश का फैसला आया। जिलाधीश ने व्यासजी के तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है। व्यास परिवार अब 31 साल बाद इस तहखाने में पूजा पाठ करेगा। ज्ञानवापी केस के हिन्दू पक्षकारों ने व्यासजी के तहखाने में पूजा पाठ करने की इजाजत मांगी थी।

सर्वे के दौरान कराई गई थी तहखाने की सफाई

केस के वकील विष्णु शंकर जैनसोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक इस तहखाने में पूजा पाठ करता था, लेकिन 1993 के बाद तत्कालीन राज्य सरकार के आदेश पर तहखाने बंद कर दिया गया। गत 17 जनवरी को व्यासजी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कब्जे में ले लिया था। ASI सर्वे के दौरान तहखाने की साफ-सफाई हुई और हिन्दू परिवारों ने इसमें पूजा करने की इजाजत मांगी, जिसे मंजूर कर लिया गया।

क्या है व्यासजी तहखाने का विवाद?

ज्ञानवापी विवाद के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि मस्जिद में ग्राउंड फ्लोर पर व्यासजी का तहखाना है। इसमें साल 1993 तक पूजा की जाती थी। नवंबर 1993 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने तहखाने में पूजा नहीं करने का आदेश दिया। बिना किसी कारण और विवाद के पूजा बंद करा दी गई और पुजारियों को भी हटा दिया गया। यह जबरदस्ती संविधान के आर्टिकल 25 का उल्लंघन है।

विष्णु शंकर जैन के अनुसार, हमें डर है कि इस तहखाने पर कब्जा हो सकता है, इसलिए कोर्ट में याचिका डाली और DM ने एक रिसीवर नियुक्त कर दिया। दूसरी मांग, तहखाने में पूजा पाठ करने की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अब बैरिकेड लगाकर एक दरवाजा लगाया जाएगा, ताकि पूजा करने के लिए सीधे तहखाने में जाया जा सके।

पहले वाले केस से अलग तहखाने का केस

विष्णु शंकर जैन ने बताया कि व्यासजी के तहखाने का मामला श्रृंगार गौरी केस से काफी अलग है। 18 अगस्त 2021 को 5 हिन्दू महिलाओं ने सिविल कोर्ट में एक याचिका दायर करके ज्ञानवापी मस्जिद के साइड में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा करने की परमिशन मांगी थी।

याचिका पर सुनवाई करते हुए सिविल कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने मस्जिद का ASI सर्वे कराने को कहा और आदेश जारी किया कि सर्वे कराकर रिपोर्ट पेश की जाए। ASI सर्वे हुआ तो जांच में पता चला कि मस्जिद मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी।

वहीं जिस तहखाने की बात हो रही है, वह मस्जिद के अंदर मौजूद है। इस तहखाने को जबरन मुलायम सरकार ने बंद कर दिया था।

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