दिल्ली के JNU में मराठी भाषा अध्ययन केंद्र के उद्घाटन के दौरान सीएम देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया। छात्रों ने हिंदी थोपने और गैर-मराठी लोगों पर हो रहे हमलों को लेकर सवाल उठाए।
दिल्ली, 24 जुलाई: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में स्थापित हुए कुसुमाग्रज मराठी भाषा अध्ययन केंद्र के उद्घाटन के दौरान छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत भी मौजूद थे।
🚩 क्या है विवाद?
छात्रों ने आरोप लगाया कि:
-
महाराष्ट्र में गैर-मराठी लोगों पर हो रहे हमलों पर सरकार चुप है।
-
हिंदी को अनिवार्य करने की कोशिश “भाषाई थोप” है।
-
मराठी को बढ़ावा देने के नाम पर भाषा के नाम पर विभाजन किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारी SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) से जुड़े थे, जिन्होंने कार्यक्रम स्थल पर प्लाकार्ड्स और नारेबाज़ी की।
🏫 मराठी केंद्र की पृष्ठभूमि
-
यह अध्ययन केंद्र JNU में लंबे समय से प्रस्तावित था, जिसकी मांग 17 वर्षों से की जा रही थी।
-
फडणवीस ने इसे “भाषाई विविधता के सम्मान” की दिशा में कदम बताया, लेकिन छात्रों को यह कदम राजनीतिक एजेंडा लगा।
🔥 त्रिभाषा फॉर्मूला बना टकराव का कारण
-
महाराष्ट्र में कक्षा 1 से हिंदी को अनिवार्य करने की नीति पहले ही विवादों में है।
-
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे जैसे नेताओं ने इसका विरोध किया है।
-
अब JNU जैसे केंद्रीय संस्थान में मराठी केंद्र की शुरुआत से भाषा राजनीति को और हवा मिल सकती है।
अब ‘चेहरे’ से लगेगी हाजिरी: राजस्व विभाग में फेस अटेंडेंस सिस्टम अनिवार्य, नहीं तो वेतन बंद