Loudspeaker Row: बॉम्बे हाईकोर्ट ने अवैध लाउडस्पीकरों पर महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई को “उल्लेखनीय और ईमानदार” बताते हुए 2018 की अवमानना याचिका खारिज की। कोर्ट ने भविष्य के लिए उपाय भी सुझाए।
मुंबई, 8 जुलाई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार द्वारा धार्मिक स्थलों पर अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर संतोष जताया। कोर्ट ने कहा कि आदेशों के पालन में सरकार ने “गंभीर और पर्याप्त प्रयास” किए हैं, और इस आधार पर सामाजिक कार्यकर्ता संतोष पचलग द्वारा दायर अवमानना याचिका खारिज कर दी गई।
मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति संदीप मारणे की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला द्वारा दाखिल हलफनामे के अनुसार अप्रैल 2025 तक 2,812 लाउडस्पीकर धार्मिक स्थलों पर लगे हैं, जिनमें से 343 अवैध पाए जाने पर हटाए गए, 831 को नियमित किया गया और 767 को ध्वनि स्तर पार न करने की चेतावनी दी गई। इसके अलावा 19 एफआईआर दर्ज की गईं और 5 मामलों को मकोका बोर्ड को भेजा गया।
सरकारी वकील नेहा भिडे ने अदालत को बताया कि राज्य के 49 पुलिस यूनिट्स में शोर प्रदूषण नियमों के पालन के लिए एक विशेष नोडल अधिकारी (आईजी स्तर) की नियुक्ति की गई है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह भी स्वतंत्रता दी कि भविष्य में किसी भी उल्लंघन की शिकायत सीधे इस नोडल अधिकारी से की जा सकती है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अब इस विषय में जानबूझकर आदेशों की अवहेलना का कोई मामला नहीं बनता।