महाराष्ट्र सरकार ने नवजात शिशुओं की सुरक्षा के लिए ‘कोड पिंक’ अलर्ट सिस्टम लागू किया है। किसी शिशु के लापता होते ही अस्पताल की पूरी टीम सक्रिय होगी। सुरक्षा नियमों की नियमित निगरानी भी की जाएगी।
मुंबई,14 जुलाई: महाराष्ट्र में हाल के समय में नवजात शिशुओं की चोरी की घटनाएं बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में ‘कोड पिंक’ अलर्ट सिस्टम लागू किया है। किसी भी शिशु के गायब होते ही यह अलर्ट सक्रिय होगा, जिससे डॉक्टर, नर्स और सुरक्षाकर्मी तुरंत सतर्क होकर कार्रवाई करेंगे। इस कदम का मकसद शिशु की सुरक्षा को प्राथमिकता देना और समय पर उसे ढूंढ पाना है।
यह सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ एक सामान्य अलर्ट तक सीमित नहीं है। अस्पतालों के हर जरूरी विभाग – जैसे डिलीवरी रूम, एनआईसीयू और पोस्टनैटल यूनिट – में अलग-अलग दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं। इनमें प्रवेश-निकास की सख्त निगरानी, सीसीटीवी कैमरों की जांच और सुरक्षा रिपोर्ट बनाना शामिल है। अस्पताल प्रमुखों को हर महीने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करनी होगी और रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजनी होगी।
अब अस्पताल में शिशु को छुट्टी देने से पहले उसके पैरों के निशान लिए जाएंगे और मां के साथ मौजूद रिश्तेदार की पहचान दर्ज की जाएगी। यह व्यवस्था शिशु की सही पहचान और सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करेगी। राज्य सरकार ने सभी अस्पतालों को इन नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है, और इसकी निगरानी मेडिकल एजुकेशन विभाग करेगा।