Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच राजनीतिक खींचतान तेज़ हो गई है। विकास कार्यों के लिए अब नगर विकास विभाग को सीएम की अनुमति लेनी होगी।
मुंबई, 23 जुलाई: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच सियासी तनाव अब खुलकर सामने आने लगा है। नगर विकास विभाग की ओर से प्रस्तावित विकास योजनाओं को अब मुख्यमंत्री की पूर्व अनुमति से ही मंजूरी मिल सकेगी।
🎯 सियासी पृष्ठभूमि:
आगामी महानगरपालिका चुनावों को देखते हुए शिंदे गुट द्वारा अन्य दलों के पार्षदों को शिवसेना में शामिल कर विकास निधि देना शुरू किया गया था। इससे बीजेपी और एनसीपी के कई विधायक असंतुष्ट हो गए। उनका आरोप था कि जिन नगर निकायों में उनकी पकड़ है, वहां फंड नहीं दिया जा रहा।
🧾 सीएम का दखल:
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने विकास निधि के वितरण पर अस्थायी रोक लगा दी और सभी योजनाओं की अंतिम स्वीकृति अपने पास सुरक्षित कर ली। इसके बाद नगर विकास विभाग को कोई भी प्रस्ताव सीधे पास करने की अनुमति नहीं है।
💰 खर्च और पारदर्शिता:
फडणवीस का तर्क है कि कुछ मामलों में अवांछित खर्च, और कुछ में फंड का दुरुपयोग हुआ है। कई विधायकों को करोड़ों की निधि दी गई, लेकिन उसका उपयोग सही तरीके से नहीं हुआ।
🧩 राजनीतिक निहितार्थ:
हालांकि सरकार की ओर से इसे “तीनों पक्षों को समान निधि” देने का निर्णय बताया गया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह शिंदे की बढ़ती सत्ता पर लगाम लगाने की रणनीति है।
🔄 गठबंधन पर असर?
यह खींचतान आगामी विधानसभा और नगर निकाय चुनावों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की रणनीति और संतुलन पर असर डाल सकती है।