महाराष्ट्र सरकार ने कृत्रिम फूलों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम पारंपरिक फूल उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
मुंबई, 17 जुलाई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के पारंपरिक फूल उत्पादक किसानों को राहत देने के लिए कृत्रिम फूलों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। बुधवार को विधान सभा में इस फैसले की घोषणा राज्य के बागवानी मंत्री भरत गोगावले ने की। यह निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मंगलवार को हुई बैठक के बाद लिया गया। गोगावले ने कहा, “हमारे किसानों के हितों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है और यह कदम उसी दिशा में एक बड़ा निर्णय है।”
शिवसेना विधायक महेश शिंदे ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया और बताया कि पहले हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रतिबंध का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि कृत्रिम फूलों के व्यापक उपयोग से परंपरागत फूल उत्पादक किसानों की आजीविका बुरी तरह प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा, “यह निर्णय हमारे किसानों के लिए बड़ा सहारा बनेगा।” बागवानी मंत्री ने यह भी बताया कि जल्द ही पर्यावरण मंत्री के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक होगी, जिसमें इस प्रतिबंध के क्रियान्वयन और नियमों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
गोगावले ने बताया कि राज्य में फूलों की खेती करने वाले किसानों को आधुनिक तकनीक, ग्रीनहाउस और पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट का प्रशिक्षण देने के बावजूद बाजार में उनकी पकड़ कमजोर हो रही है। इसका मुख्य कारण बाजार में सस्ते कृत्रिम फूलों की भरमार है। इस प्रतिबंध का उद्देश्य किसानों को बाजार में प्रतिस्पर्धा का अवसर देना और उनके आर्थिक नुकसान को कम करना है।