Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा मानसून सत्र में ठाणे-बोरीवली टनल प्रोजेक्ट में कथित 3,000 करोड़ के घोटाले को लेकर विपक्ष ने भाजपा सरकार पर निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने और टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध किया।
महाराष्ट्र, 2 जुलाई : महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को उस समय बड़ा राजनीतिक हंगामा देखने को मिला, जब विपक्ष ने ठाणे-बोरीवली टनल प्रोजेक्ट में कथित 3,000 करोड़ रुपये के घोटाले का मुद्दा उठाया। महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने एक खास निजी कंपनी को अनुचित तरीके से ठेका देने के लिए टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर की है।
विपक्ष के अनुसार, मई में मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने इस प्रोजेक्ट के टेंडर को रद्द कर दिया था, क्योंकि एलएंडटी को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। एमवीए का कहना है कि टेंडर रद्द करना सिर्फ दिखावा था ताकि सुप्रीम कोर्ट की संभावित फटकार से बचा जा सके।
विधान भवन की सीढ़ियों पर शिवसेना (यूबीटी) के अंबादास दानवे, कांग्रेस के सतेज पाटिल और एनसीपी के जयंत पाटिल सहित कई विपक्षी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। नेताओं ने सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस कंपनी को यह बड़ा प्रोजेक्ट दिया गया है, उसने कथित तौर पर चुनावी बॉन्ड के जरिए सरकार को बड़ा चंदा दिया है।
विपक्ष का कहना है कि यह प्रकरण सरकार की भ्रष्टाचार और किसान विरोधी नीतियों का उदाहरण है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक इस मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं होती, तब तक सदन में यह मुद्दा बार-बार उठाया जाएगा।यह मुद्दा ऐसे समय में उठा है जब मानसून सत्र के दौरान राज्य सरकार पर कई अन्य योजनाओं और फैसलों को लेकर भी विपक्ष हमलावर बना हुआ है।