Maharashtra : राज ठाकरे का सीएम फडणवीस पर तीखा हमला: “हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदी नहीं” बयान पर छिड़ा भाषा विवाद
मराठी को लेकर राज ठाकरे का विरोध, कहा – हमारी मातृभाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, सीएम फडणवीस के बयान पर मचा राजनीतिक घमासान।

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में महायुति सरकार ने मराठी और अंग्रेजी मिडियम के स्कूलों में हिंदी भाषा को क्लास 1 से 5 तक के लिए अनिवार्य कर दिया है। इस फैसले का महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने विरोध किया।
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि राज्य में मराठी बोलना अनिवार्य होने की बात कही है। उन्होंने नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के अनुरूप भाषा को अनिवार्य बनाने के सरकार के कदम पर जोर दिया। मुंबई मेट्रो लाइन 7ए सुरंग के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए, फडणवीस ने नई शिक्षा नीति के बारे में बात की।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हमने पहले ही नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया है। नीति के अनुसार, हम प्रयास कर रहे हैं कि सभी को मराठी के साथ-साथ देश की भाषा भी आनी चाहिए।”
मराठी अनिवार्य होगी – सीएम फडणवीस
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम नई शिक्षा नीति को लागू कर रहे हैं जिसके तहत हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि यहां हर कोई मराठी के साथ-साथ देश की अन्य भाषाओं को भी सीखे। मुझे लगता है कि यह केंद्र सरकार के विचार को साकार करने के लिए किया जा रहा है कि पूरे देश में एक कनेक्टिंग भाषा होनी चाहिए। हमने पहले तय किया था कि यहां मराठी अनिवार्य होगी, लेकिन इसके साथ ही हर कोई अंग्रेजी, हिंदी और अन्य भाषाएं सीख सकता है।”
मख्यमंत्री के इस बयान के बाद राज्य में हलचल शुरू हो गई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस के इस फैसले का विरोध किया और कहा कि इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। राज ठाकरे ने इसका विरोध करते हुए एक्स पर पोस्ट किया।
राज ठाकरे ने किया विरोध
राज ठाकरे ने अपनी पोस्ट पर लिखा, “राज्य विद्यालय पाठ्यक्रम योजना 2024 के अनुसार, महाराष्ट्र में पहली कक्षा से हिंदी अनिवार्य कर दी गई है। मैं स्पष्ट शब्दों में कहता हूं कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना इस अनिवार्यता को बर्दाश्त नहीं करेगी। हम केंद्र सरकार के हर चीज को ‘हिंदीकृत’ करने के मौजूदा प्रयासों को इस राज्य में सफल नहीं होने देंगे। हिंदी कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है। यह देश की अन्य भाषाओं की तरह एक राज्य की भाषा है। इसे शुरू से ही महाराष्ट्र में क्यों पढ़ाया जाना चाहिए? आपका जो भी त्रिभाषी फॉर्मूला है, उसे सरकारी मामलों तक सीमित रखें, शिक्षा में न लाएं।”
राज ठाकरे ने अपनी पोस्ट में कहा “हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदी नहीं! अगर आप महाराष्ट्र को हिंदी के रूप में रंगने की कोशिश करेंगे, तो महाराष्ट्र में संघर्ष होना तय है। अगर आप यह सब देखेंगे, तो आपको लगेगा कि सरकार जानबूझकर यह संघर्ष पैदा कर रही है। क्या यह सब आने वाले चुनावों में मराठी और गैर-मराठी के बीच संघर्ष पैदा करके उसका फायदा उठाने की कोशिश है? इस राज्य के गैर-मराठी भाषी लोगों को भी सरकार की यह योजना समझनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि उन्हें आपकी भाषा से कोई खास प्यार है। वे आपको भड़काकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं।” राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में अपनी सभी मराठी माताओं, बहनों और भाइयों इसकी निंदा करने और इसका विरोध करने की अपील की।