Hindi-Marathi Language Controversy: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मराठी‑हिंदी विवाद पर सख्त रुख अपनाया- किसी को मराठी न बोलने पर निशाना नहीं बनाया जाएगा, लेकिन मराठी भाषा का अपमान भी स्वीकार्य नहीं।
मुंबई, 25 जुलाई: महाराष्ट्र में एक बार फिर उभरे मराठी‑हिंदी भाषा विवाद के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्पष्ट और संतुलित रुख अपनाया है।
🗣️ फडणवीस: “भाषा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, “मराठी भाषा का समर्थन करना उचित है, लेकिन किसी पर भाषा थोपना अव्यवहारिक है। किसी को मराठी न बोलने पर निशाना बनाना निंदनीय है।”
उन्होंने विशेष रूप से मनसे कार्यकर्ताओं की उन घटनाओं की निंदा की जहां गैर‑मराठी लोगों के साथ दुर्व्यवहार हुआ। उनका कहना था कि “हिंसा और जबरदस्ती से मराठी का सम्मान नहीं बढ़ेगा।”
🗣️ अजित पवार: “इच्छा होनी चाहिए मराठी सीखने की”
डिप्टी सीएम अजित पवार ने भी सभी नागरिकों से अपील की कि वे मराठी का सम्मान करें। उन्होंने कहा, “अगर कोई मराठी नहीं बोल सकता, लेकिन उसे सीखने की इच्छा और सम्मान रखता है, तो वह स्वीकार्य है। लेकिन मराठी भाषा को तिरस्कृत करने वाला व्यवहार सहन नहीं किया जाएगा।”
⚖️ राजनीतिक आरोप और विरोध
कांग्रेस ने फडणवीस सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस विवाद का राजनीतिक उपयोग कर रही है, खासकर हिंदी भाषी वोट बैंक को एकजुट करने के लिए।
वहीं, शिवसेना (UBT) और मनसे ने हिंदी थोपने के विरोध में संयुक्त प्रदर्शन मार्च निकाला, जिसमें राज्य में भाषाई विविधता बनाए रखने की मांग की गई।