बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग द्वारा कचरा संकलन का काम निजी ठेकेदारों को देने की योजना का तीखा विरोध शुरू हो गया है। ठेके के खिलाफ सफाई कर्मचारियों, गणेशोत्सव मंडलों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को आयोजित विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और कर्मचारी शामिल हुए और नगरसेवक निधि से खरीदे गए डस्टबिन, ट्रैक्टर और गाड़ियों से कचरा उठाने के विरोध में नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर 13 जुलाई तक टेंडर को रद्द नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने इस योजना को गरीबों की आजीविका पर सीधा हमला बताया और कहा कि इससे हजारों लोगों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।
महापालिका अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वर्तमान में शहर में लगभग 8,000 लोग कचरा संकलन से जुड़े हुए हैं। इनमें से बड़ी संख्या में महिलाएं और जरूरतमंद परिवारों के सदस्य हैं। यदि ठेके की यह योजना लागू की जाती है, तो इन लोगों की आजीविका पर गहरा असर पड़ेगा।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 23 वार्डों में कचरा संकलन का काम सीधे महापालिका के माध्यम से हो रहा है और इसे ही बनाए रखना चाहिए। इस मुद्दे पर बीएमसी प्रशासन की चुप्पी से नाराजगी जताई जा रही है।