मुंबई मोनोरेल हादसा: 19 अगस्त को मोनोरेल में तकनीकी खराबी से 582 यात्री घंटों फंसे रहे। जांच में लापरवाही साबित होने पर MMRDA ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
मुंबई, 26 अगस्त: मुंबई मोनोरेल में 19 अगस्त को हुई तकनीकी खराबी के बाद 582 यात्री घंटों तक ट्रैक पर फंसे रहे थे। इस घटना के बाद मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार को दो वरिष्ठ अधिकारियों, चीफ इंजीनियर (सिग्नल व टेलीकॉम) मनीष सोनी और सुरक्षा प्रबंधक राजीव गीते को निलंबित कर दिया गया।
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हादसा कैसे हुआ?
19 अगस्त को अचानक दो मोनोरेल ट्रेनें ट्रैक पर रुक गईं। मैसूर कॉलोनी और भक्ति पार्क स्टेशन के बीच फंसी एक ट्रेन से 582 यात्रियों को स्नॉर्कल लैडर की मदद से बाहर निकाला गया। दूसरी ट्रेन को वडाला स्टेशन तक टो किया गया और उसमें सवार करीब 200 यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। सभी यात्री सुरक्षित बचा लिए गए, लेकिन इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए।
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उच्चस्तरीय जांच समिति गठित
इस घटना की गहराई से जांच के लिए MMRDA ने अतिरिक्त महानगर आयुक्त विक्रम कुमार की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय जांच समिति बनाई है। समिति में IIT बॉम्बे के प्रोफेसर हिमांशु बहिरट, सिडको की चीफ ट्रांसपोर्ट प्लानर गीता पिल्लई, और संयुक्त महानगर आयुक्त आस्तिक पांडे शामिल होंगे।
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MMRDA का बयान
MMRDA ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशनल फेल्योर पर उसकी नीति ज़ीरो टॉलरेंस की है और यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।
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