मुंबई की राजश्री अहिरे ने प्रेमी और उसके दोस्त संग पति की पिटाई कराई, इलाज के अभाव में हुई मौत। बेटी की गवाही से पुलिस ने हत्याकांड का भंडाफोड़ किया।
मुंबई,7अगस्त: मुंबई के आरे कॉलोनी इलाके में एक चौंकाने वाला घरेलू हत्याकांड सामने आया है, जिसमें राजश्री अहिरे (35) नामक महिला ने अपने प्रेमी चंद्रशेखर पडायाची और उसके दोस्त रंगा के साथ मिलकर पति भरत लक्ष्मण अहिरे की हत्या की साजिश रची।
घटना में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि 13 वर्षीय बेटी की गवाही ने पूरे मामले की परतें खोल दीं।
💔 प्रेम संबंध पर सवाल उठाने पर रची गई साजिश
पुलिस जांच के अनुसार, भरत अहिरे पेशे से मेकअप आर्टिस्ट थे। उन्होंने अपनी पत्नी राजश्री से उसके प्रेम संबंधों को लेकर सवाल किया, जिससे नाराज होकर राजश्री ने अपने प्रेमी और दोस्त के साथ मिलकर उसे सार्वजनिक स्थान पर बुलाया और बुरी तरह पिटवाया।
घटना के समय राजश्री खुद मौके पर मौजूद थी, लेकिन उसने न मदद की और न ही हस्तक्षेप किया। हमले के बाद, राजश्री भरत को घर ले आई और तीन दिनों तक बिना किसी इलाज के तड़पने के लिए छोड़ दिया।
🧒 बेटी ने रिश्तेदारों को दी सूचना, मां का पर्दाफाश
भरत की हालत बिगड़ने लगी, यहां तक कि उन्हें खून की उल्टियाँ होने लगीं। तभी 13 वर्षीय बेटी ने बहादुरी दिखाते हुए रिश्तेदारों को सूचित किया। इसके बाद भरत की भाभी मौके पर पहुंचीं। राजश्री ने झूठा दावा किया कि भरत की बाइक से गिरने से चोट लगी है। अस्पताल में भी यही झूठ दोहराया गया, लेकिन एमएलसी रिपोर्ट में आए विरोधाभासों ने पुलिस को संदेह में डाल दिया।
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🕵️♀️ बेटी की गवाही बनी अहम सबूत, मां गिरफ्तार
पुलिस की पूछताछ में बेटी ने खुलासा किया कि उसने पिता की पिटाई होते हुए देखी, और मां को चुपचाप खड़े देखा।
5 अगस्त को इलाज के दौरान भरत की मौत हो गई। इसके बाद आरे कॉलोनी पुलिस ने राजश्री अहिरे को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में चंद्रशेखर और रंगा अब भी फरार हैं। पुलिस ने उनकी खोजबीन तेज़ कर दी है और हत्या के पूरे षड्यंत्र की जांच जारी है।
⚖️ अपराध की श्रेणी और कानून
पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 302 (हत्या), 120B (षड्यंत्र), और 34 (सामूहिक अपराध) के तहत केस दर्ज किया है।
मामला मुंबई में घरेलू हिंसा और वैवाहिक विश्वासघात के सबसे चौंकाने वाले मामलों में गिना जा रहा है।
📊 सामाजिक पहलू:
यह मामला उन कई मामलों में से एक है जहाँ बच्चों की सतर्कता और साहस से न्याय की दिशा में कदम उठाया गया। यह घटना बच्चों की संवेदनशीलता, घरेलू हिंसा के असर और समाज में संबंधों की जटिलता पर गहन प्रश्न उठाती है।
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