नागपुर में NEET की तैयारी कर रहे दो छात्रों ने अकादमिक दबाव के कारण आत्महत्या कर ली। पुलिस ने माता-पिता से बच्चों पर अत्यधिक दबाव न डालने और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की अपील की है।
मुंबई,16 जुलाई: नागपुर में एक बेहद दुखद घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। शहर में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की तैयारी कर रहे दो युवाओं ने मात्र कुछ घंटों के भीतर आत्महत्या कर ली। ये घटनाएं न केवल परिवारों के लिए बल्कि पूरे शैक्षणिक समाज के लिए चिंता का विषय बनी हैं।
पहली घटना में, मध्य प्रदेश के बालाघाट के 16 वर्षीय ख्वाहिश देवराम नागरे ने नागपुर के कैनाल रोड स्थित फिजिक्सवाला ट्यूशन सेंटर में कोचिंग के दौरान अपने कमरे में फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। ख्वाहिश एक निजी होस्टल में रहता था और उसने एक अलविदा नोट भी छोड़ा, जिसमें लिखा था, “मम्मी-पापा, मैं यह नहीं कर पाऊंगा।” पुलिस के अनुसार, इस घटना ने परीक्षा की तैयारी से जुड़े तनाव और दबाव की एक बड़ी समस्या को उजागर किया है।
इसी दिन, 17 वर्षीय वैदेही अनिल उइके, जो नागपुर के हिंगना इलाके में रहती थीं, ने भी NEET की तैयारी के दौरान आत्महत्या कर ली। उनकी मौत को पुलिस ने आकस्मिक बताया है। दोनों घटनाओं ने इस बात पर चिंताएं बढ़ा दी हैं कि छात्र परीक्षा की तैयारी के दौरान बढ़ते दबाव से मानसिक रूप से कितना प्रभावित हो रहे हैं।
नागपुर पुलिस आयुक्त रवींदर कुमार सिंघल ने कहा कि माता-पिता को बच्चों पर अकादमिक दबाव कम करना चाहिए और उनके मानसिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में करियर के कई विकल्प मौजूद हैं, इसलिए बच्चों को तनावमुक्त वातावरण देना आवश्यक है ताकि वे बेहतर ढंग से अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।