“33 लाख का सौदा और साज़िश: नालासोपारा के बिल्डर जयप्रकाश चौहान की रहस्यमयी आत्महत्या”
📍 एक शांत दोपहर और एक आत्मघाती फैसला
1 जुलाई 2025, नालासोपारा पूर्व का गाला नगर। दोपहर करीब 12:15 बजे का समय था। इसी समय जयप्रकाश चौहान (61) ने अपनी बेटी के घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। एक अनुभवी बिल्डर, जिसने कई इमारतें बनाई थीं, वो आखिर क्यों इस हद तक पहुंच गया कि उसे अपनी जिंदगी खत्म करनी पड़ी?
इस सवाल के पीछे एक ऐसी साज़िश छुपी है, जिसमें 33 लाख रुपये, बिल्डिंग प्रोजेक्ट, सत्ता का दुरुपयोग, और पुलिस की भूमिका जैसी कई परतें हैं।
🧱 बिल्डर की पहचान और सपना
जयप्रकाश चौहान, नालासोपारा में “दुर्गाजी एंटरप्रायजेस” नाम से बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय करते थे। 2015 से उन्होंने ओम श्रीजी हाउसिंग सोसायटी नामक एक प्रोजेक्ट शुरू किया था। 6 मंजिल की यह इमारत धीरे-धीरे आकार ले रही थी, लेकिन आर्थिक तंगी और ब्याज पर पैसे लेकर चलने की मजबूरी ने उन्हें मजबूर बना दिया।
💰 33 लाख रुपये की डील: शुरुआत किस्सा, अंत साज़िश
2025 की शुरुआत में जयप्रकाश चौहान ने अपने प्रोजेक्ट के स्लैब निर्माण और बाकी कामों के लिए महाजन और शाम शिंदे नामक पुलिसकर्मियों से पैसे और निर्माण सामग्री ली। राशि करीब 33 लाख रुपये थी।
लेकिन सौदे के बाद कहानी ने एक खतरनाक मोड़ ले लिया।
⚠️ “इमारत से निकल जा वरना…” – धमकी का सिलसिला शुरू
एफआईआर के अनुसार, चौहान की बेटी गौरी चौहान ने बताया कि मई-जून के दौरान महाजन और शाम शिंदे लगातार चौहान पर दबाव बना रहे थे कि वे इमारत का प्रोजेक्ट छोड़ दें।
महाजन ने कहा –
“तू इमारत से हट जा, आगे का काम अब हम करेंगे।”
जब चौहान ने मना किया, तो शाम शिंदे ने एक पुलिस अधिकारी होते हुए खौफनाक धमकी दी:
“अगर तू इमारत से नहीं हटा, तो तुझ पर इतने सेक्शन लगाऊंगा कि तू जिंदगी भर जेल में सड़ेगा।”
🏚️ 4 रूम का लालच, बिल्डर के हिस्से में कुछ नहीं
पहले डील में तय था कि शाम शिंदे और महाजन को 2 रूम मिलेंगे। लेकिन बाद में वे 4 रूम की मांग करने लगे। चौहान पर कर्ज पहले ही था, और अगर वो 4 रूम दे देते तो उन्हें कुछ भी नहीं बचता। वो टूटने लगे।
😔 छिपना, डर और अंतहीन दबाव
अपनों से छिपकर उन्होंने चंद्रेश हिल्स इमारत में रहना शुरू कर दिया। मोबाइल स्विच ऑफ करके खुद को दुनिया से अलग कर लिया।
लेकिन मानसिक तनाव बढ़ता गया। परिवार, खासकर बेटी गौरी ने उन्हें कई बार समझाया, लेकिन वो खुद को बिखरता महसूस कर रहे थे।
🧵 फांसी और खुलासा: FIR का दर्ज होना
1 जुलाई को जब उन्होंने आत्महत्या की, तो उनके परिवार ने हिम्मत जुटाकर 2 जुलाई को आचोले पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई।
धाराएं:
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BNS 108 – धमकी और दबाव
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351(2), 352 – जबरदस्ती और मारपीट की आशंका
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3(5) – आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला
👮 पुलिस जांच और जनआक्रोश
चौंकाने वाली बात यह है कि शाम शिंदे खुद MBVV पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। ऐसे में आम लोगों का सवाल है –
“क्या पुलिस अपने ही आदमी के खिलाफ निष्पक्ष जांच करेगी?”
🧑⚖️ परिवार की मांग: न्याय चाहिए
गौरी चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा –
“मेरे पिताजी पर मानसिक, आर्थिक और सामाजिक दबाव डाला गया। ये सीधी साज़िश थी। हमें न्याय चाहिए, सिर्फ जांच नहीं।”
📣 क्या जयप्रकाश की मौत सिर्फ आत्महत्या है?
इस पूरे मामले में कई सवाल उठते हैं:
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क्या 33 लाख रुपये की वसूली के नाम पर प्रोजेक्ट कब्जाने की साजिश थी?
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पुलिस अधिकारी का नाम सामने आने के बावजूद क्या सच्चाई बाहर आएगी?
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क्या यह आत्महत्या है या प्रेशर से की गई मजबूरी?
नालासोपारा की यह कहानी सिर्फ एक मौत नहीं, सिस्टम और सत्ता के गठजोड़ की चुप चीख है।