नालासोपारा: नालासोपारा पूर्व स्थित मदर वेलंकनी एज्युकेशन ट्रस्ट स्कूल में बुधवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने उस समय जमकर हंगामा किया जब छात्रों को प्रमाणपत्र न दिए जाने को लेकर विवाद हुआ। इस दौरान महिला कार्यकर्ताओं द्वारा स्कूल की संचालिका आशा डिसूजा के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट किए जाने का आरोप है।
घटना तुळिंज इलाके की बताई जा रही है, जहां दोपहर के समय मनसे कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे। छात्रों के पालकों का आरोप था कि दसवीं कक्षा पास करने के बावजूद बच्चों को स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है। इसी मुद्दे को लेकर मनसे कार्यकर्ता स्कूल परिसर में घुसे और स्कूल स्टाफ से बहस करने लगे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कुछ महिला कार्यकर्ताओं ने संचालिका के साथ हाथापाई कर दी। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि 16 जून से स्कूल शुरू होने के बाद प्रमाणपत्र वितरण किया जाना था और पालकों को पहले ही यह सूचना दी गई थी।
पुलिस हस्तक्षेप और दोनों पक्षों के दावे:
तुळिंज पुलिस ने समय रहते मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण में लिया। संचालिका आशा डिसूजा ने आरोप लगाया कि मनसे कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की कोशिश की और उन्हें मारा भी। वहीं, मनसे शहर संघटक रविंद्र पाटेकर ने आरोप लगाया कि स्कूल स्टाफ ने ही चप्पल उठाकर हमला किया, जिससे प्रतिक्रिया में महिलाओं ने प्रतिकार किया।
पैसे बनाने के खेल में लगे हैं विद्यालय, धृतराष्ट्र बना प्रशासन
वसई विरार शहर में संचालित किये जा रहे अधिकांश स्कूल या तो अवैध है या फिर अवैध निर्माण के साए में संचालित किया जा रहे हैं. पालघर शिक्षा विभाग हर साल ऐसे अवैध स्कूलों और अवैध निर्माण वाले स्कूलों की सूची तो जारी करता है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाता। बीते कुछ घटनाक्रम को देखा जाए तो वसई विरार शहर में संचालित किए गए इन स्कूलों की कार्यशैली हमेशा विद्यार्थियों को प्रताड़ित करने की रही है।
मेट्रो सिटी समाचार को आए दिन ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि ऐसे तमाम स्कूल जिनके यहां बच्चे 10वीं या 12वीं पास करके अपना एडमिशन कहीं और लेना चाहते हैं तो ऐसे में स्कूल के मैनेजमेंट द्वारा उनके साथ मानसिक प्रताड़ना का दौर शुरू किया जाता है।
यह स्कूल जानबूझकर बच्चों को उनका लीविंग सर्टिफिकेट या अन्य दस्तावेज नहीं देना चाहते जिससे कि वह बच्चा उनके ही स्कूल में आगे की शिक्षा ग्रहण करें और उनका आर्थिक नुकसान होने से बच जाए।
अक्सर विवादों में. .
इन्हीं में से एक है मदर वेलांकन्नी स्कूल जो अक्सर विवादों में रहता है बीते वर्षों में भी इस स्कूल में कई अभिभावक शिकायत लेकर मेट्रो सिटी समाचार कार्यालय तक आए थे, जिसके बाद इसी स्कूल के मैनेजमेंट से बात होने के बाद किसी तरह उनका प्रमाण पत्र दिया गया और उन्हें दूसरी जगह एडमिशन लेने की परमिशन दी गई।
पैसे बनाने का यह खेल भयावह है और बच्चों के मानसिक और अभिभावकों की का आर्थिक शोषण करने का क्रम और करने का माध्यम बन गए हैं ऐसे स्कूल जो सिर्फ अपना और अपने मैनेजमेंट के बारे में ही सोचते हैं, उन्हें किसी अन्य की आर्थिक या मानसिक स्थिति से कोई लेना देना नहीं होता।
इन सब के बाद अफसोस इस बात पर होता है कि तमाम शिकायतों के बाद वसई विरार शहर के अभिभावक, स्वयं को बेचारा महसूस करते हैं और जिला प्रशासन ऐसे स्कूलों पर नकेल लगाने में असमर्थ और बौना प्रतीत होता है।
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