नितेश राणे ने इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर किए जाने के सरकारी फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र में अब स्थानों के नाम भी हिंदू संस्कृति के अनुरूप होने चाहिए।
मुंबई, 24 जुलाई:
महाराष्ट्र में एक बार फिर नामकरण को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है। भाजपा विधायक नितेश राणे ने राज्य सरकार के उस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें इस्लामपुर का नाम बदलकर “ईश्वरपुर” रखने की घोषणा की गई है।
नितेश राणे ने कहा,“हम एक हिंदू राष्ट्र में रहते हैं और यहां स्थानों के नाम भी हमारी संस्कृति और परंपरा के अनुरूप होने चाहिए।“
उन्होंने इस निर्णय को “जनभावनाओं के अनुरूप” बताया और कहा कि समय आ गया है जब “ऐतिहासिक गलतियों” को सुधारा जाए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि देशभर में कई स्थानों के नाम विदेशी आक्रांताओं की विरासत को दर्शाते हैं, जिन्हें बदले जाने की आवश्यकता है।
➡️ राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
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भाजपा और हिंदू संगठनों ने फैसले का स्वागत किया।
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कांग्रेस, एनसीपी और अन्य विपक्षी दलों ने इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की रणनीति बताया।
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अल्पसंख्यक संगठनों में इस निर्णय को लेकर नाराज़गी है।
➡️ सरकार की सफाई:
राज्य सरकार ने दावा किया है कि यह निर्णय “जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग” और ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर लिया गया है।
🔎 विश्लेषण:
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह कदम संवेदनशील मुद्दों को उभार कर चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग इसे सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में कदम मानते हैं।
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