OLA-Uber Cab Drivers Strike! मुंबई में ओला, उबर और रैपिडो जैसे ऐप-आधारित कैब और बाइक टैक्सी ड्राइवर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। वे बेहतर वेतन, सरकारी नीति की स्पष्टता, और कल्याण बोर्ड की स्थापना जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
मुंबई,20 जुलाई :मुंबई में 15 जुलाई से ओला, उबर और रैपिडो से जुड़े हजारों ऐप-आधारित कैब और बाइक टैक्सी ड्राइवरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, विशेषकर ईंधन की कीमतों और रखरखाव खर्च के चलते उनकी कमाई बहुत कम हो गई है। कई ड्राइवरों का आरोप है कि कमीशन और ईंधन लागत को घटाने के बाद उन्हें प्रति किलोमीटर मात्र 8 से 12 रुपए की वास्तविक आय हो रही है, जो टिकाऊ नहीं है। आंदोलन हवाई अड्डा, बीकेसी, अंधेरी और दक्षिण मुंबई जैसे व्यस्त इलाकों में केंद्रित है, जिससे यातायात और यात्रियों को भारी असुविधा हो रही है।
ड्राइवरों की प्रमुख मांगों में ऐप-आधारित कैब का न्यूनतम किराया काली-पीली टैक्सियों के समान करना, बाइक टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाना, और एक मजबूत ड्राइवर कल्याण बोर्ड की स्थापना शामिल है। इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि सरकार अब तक ऐप-आधारित सेवाओं के लिए स्पष्ट नीति नहीं बना पाई है। ड्राइवरों का कहना है कि प्लेटफॉर्म कंपनियां यात्रियों को जो छूट देती हैं, उसका भार अक्सर ड्राइवरों की आय से काटा जाता है, जिससे उन्हें अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है। उनकी मांग है कि ये छूट कंपनियां खुद वहन करें।
एग्रीगेटर आधारित सेवाओं को लेकर सरकार द्वारा नीति बनाने की घोषणा को एक वर्ष से अधिक हो गया है, लेकिन अभी तक यह लागू नहीं हुई है। प्रस्तावित मसौदा जिसमें किराया संरचना, लाइसेंसिंग और प्रवर्तन उपाय शामिल हैं, वह अंतिम मंजूरी की प्रतीक्षा में है। इस देरी से ऐप-आधारित सेवाओं में नियमों की अस्पष्टता बनी हुई है, जिससे ड्राइवर, कंपनियां और यात्री तीनों पक्षों में विवाद की स्थिति बनी रहती है। प्रदर्शनकारी ड्राइवरों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता और नीति स्पष्ट नहीं की जाती, हड़ताल जारी रहेगी।