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Raj Thackeray Hindi language opposition Maharashtra: हिंदी थोपने के खिलाफ राज ठाकरे का स्कूलों को खुला पत्र: महाराष्ट्र सरकार के आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया

Raj Thackeray Hindi language opposition Maharashtra

मुंबई (Raj Thackeray Hindi language opposition Maharashtra) : महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य के स्कूलों में हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा के रूप में पढ़ाने का आदेश जारी किए जाने के बाद, इस पर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने इस निर्णय के खिलाफ एक खुला पत्र ((Raj Thackeray Hindi language opposition Maharashtra) जारी किया है, जो अब सोशल मीडिया से लेकर शिक्षा संस्थानों तक चर्चा का विषय बन चुका है।

 राज ठाकरे का पत्र: “यह मराठी के साथ विश्वासघात है”

राज ठाकरे ने स्कूलों के प्राचार्यों को संबोधित पत्र में सरकार पर आरोप लगाया है कि वह “हिंदी को पीछे के दरवाज़े से थोपने” की कोशिश कर रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा:

“हिंदी न तो राष्ट्रभाषा है, न ही महाराष्ट्र की आवश्यकता। यदि राज्य सरकार इसे अनिवार्य बनाती है, तो यह मराठी भाषा के अस्तित्व के लिए सीधी चुनौती है।”

राज ठाकरे ने चेतावनी दी कि अगर कोई स्कूल इस सरकारी योजना में सहयोग करता है, तो मनसे कार्यकर्ता उनसे सीधी चर्चा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने मराठी और अंग्रेजी को ही प्राथमिकता देने की बात कही और कहा कि तीसरी भाषा का बोझ बच्चों पर जबरन नहीं डाला जाना चाहिए।

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⚠️ मनसे की चेतावनी

मनसे का मानना है कि हिंदी को राज्य में अनिवार्य करना एक राजनीतिक साज़िश है, जिसका मकसद महाराष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान को कमज़ोर करना है। ठाकरे ने लिखा है कि यदि कोई स्कूल इस छुपे हुए एजेंडे को समर्थन देता है, तो इसे “महाराष्ट्र से विश्वासघात” माना जाएगा।

📣 सरकार को चेतावनी

राज ठाकरे ने यह भी कहा कि उन्होंने राज्य सरकार को पत्र भेजकर स्पष्ट रूप से यह मांग की है कि वह सार्वजनिक रूप से लिखित आश्वासन दे कि हिंदी या कोई तीसरी भाषा अनिवार्य नहीं होगी

Maharashtra Hindi Third Language: महाराष्ट्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला: स्कूलों में तीसरी अनिवार्य भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी हिंदी, राज ठाकरे का विरोध

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