नालासोपारा पूर्व के प्रगतीनगर में रक्षाबंधन के खास अवसर पर आयोजित भव्य उत्सव में हजारों बहनों ने पंकज देशमुख को राखी बांधकर सुरक्षा, विश्वास और भाईचारे के रिश्ते को गहराई दी। इस अवसर पर महिलाओं ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हिस्सा लिया और पंकज देशमुख ने महिला सुरक्षा को लेकर संकल्प दोहराया।
नालासोपारा, 9 अगस्त: रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के स्नेह और समर्पण का प्रतीक है, और इस भावना को जीवंत करता हुआ एक विशेष आयोजन नालासोपारा (पूर्व) के प्रगतीनगर स्थित ठाकुर विद्या मंदिर में देखने को मिला। इस भव्य रक्षाबंधन उत्सव में हजारों महिलाओं ने एकजुट होकर समाजसेवी पंकज देशमुख को राखी बांधकर उनके लंबे जीवन, स्वास्थ्य और सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए प्रार्थना की।
बहनों ने पारंपरिक परिधान में तिलक लगाकर, आरती उतारकर राखी बांधी, जिससे आयोजन का माहौल पूरी तरह से भावनात्मक और आत्मीय हो गया। इस आयोजन के माध्यम से बहनों ने न केवल एक सामाजिक प्रतिनिधि से जुड़ाव महसूस किया, बल्कि महिला सशक्तिकरण की ओर भी एक कदम बढ़ाया।
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सांस्कृतिक रंग और समाज का समर्थन
कार्यक्रम के दौरान नालासोपारा के ओस्तवाल, मोरेगांव, दत्तनगर, नागिनदास पाड़ा, तुलिंज रोड, टाकी रोड, रहमत नगर, सेंट्रल पार्क जैसे इलाकों से भारी संख्या में महिलाएं और स्थानीय नागरिक जुटे। मंच पर राखी बांधने के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमें स्कूली बच्चों और युवाओं ने लोकनृत्य, गीत और नाट्य प्रस्तुतियों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्कूल की प्रबंधन समिति और अन्य सामाजिक संगठनों ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पंकज देशमुख ने बहनों को उपहार देकर उनका सम्मान किया और अपने संबोधन में उनके प्रति आभार जताया।
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पंकज देशमुख का भावुक संबोधन
राखी बंधवाने के बाद पंकज देशमुख ने कहा, “रक्षाबंधन केवल एक परंपरा नहीं है, यह एक ऐसा बंधन है जो बहनों के भरोसे और भाइयों की जिम्मेदारी को जोड़ता है। आज मुझे यह सौभाग्य मिला कि इतने स्नेहिल और पवित्र हाथों से राखी बंधी। मैं वचन देता हूं कि समाज की हर बहन की सुरक्षा और सम्मान के लिए हमेशा खड़ा रहूंगा।” उनका यह संदेश न केवल उपस्थित महिलाओं को भावुक कर गया, बल्कि एक भरोसे और उम्मीद की किरण भी बन गया, जो सामाजिक जिम्मेदारी के साथ जुड़ी है।
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भविष्य की ओर आशा की नजर
इस आयोजन ने रक्षाबंधन के पारंपरिक अर्थों से आगे जाकर समाज में सामूहिक भागीदारी और एकजुटता का संदेश दिया। यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि महिलाओं की आवाज को सम्मान और सुरक्षा के वादे के साथ जोड़ने की एक कोशिश थी। आयोजन के अंत में पंकज देशमुख ने सभी बहनों से संवाद करते हुए कहा कि वे भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों के माध्यम से समाज के हर वर्ग से जुड़ते रहेंगे और महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तिकरण को प्राथमिकता देते रहेंगे।
नालासोपारा का यह रक्षाबंधन उत्सव समाज में संवेदना, सुरक्षा और सम्मान की मिसाल बन गया। यह दिन हर उस बहन के लिए खास था, जिसने विश्वास के धागे में एक ऐसे भाई को बांधा जो वाकई में उनके लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प रखता है।
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