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मुंबई के साठ्ये कॉलेज में नालासोपारा के छात्रा की संदिग्ध मौत: परिवार ने जताई हत्या की आशंका

साठ्ये कॉलेज की छात्रा संध्या पाठक की संदिग्ध मौत

मुंबई के विलेपार्ले इलाके में स्थित प्रतिष्ठित साठ्ये कॉलेज में गुरुवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया। 21 वर्षीय छात्रा संध्या पाठक ने कॉलेज की तीसरी मंजिल से छलांग लगाई, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। कॉलेज प्रशासन और पुलिस इस मामले को आत्महत्या का रूप दे रहे हैं, लेकिन परिवार ने इसे साफ-साफ हत्या बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं।

संध्या नालासोपारा के आचोळे रोड इलाके की निवासी थीं और पिछले तीन वर्षों से बीएससी स्टैटिस्टिक्स की पढ़ाई कर रही थीं। गुरुवार सुबह वह रोज़ की तरह कॉलेज गई थीं, लेकिन कक्षा में जाने की बजाय तीसरी मंज़िल पर पहुंचीं और वहां से गिर पड़ीं। कॉलेज के कर्मचारियों ने तुरंत उन्हें बाबासाहेब गावडे चैरिटेबल हॉस्पिटल ले जाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कॉलेज प्राचार्य माधव राजवाडे ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कॉलेज पुलिस जांच में पूर्ण सहयोग कर रहा है। उन्होंने बताया कि संध्या की कक्षा ग्राउंड फ्लोर पर थी, इसलिए यह साफ नहीं है कि वह तीसरी मंजिल पर क्यों गईं।

विलेपार्ले पुलिस ने इस मामले में एडीआर (Apamrutyu – अप्राकृतिक मृत्यु) का केस दर्ज किया है और कॉलेज के CCTV फुटेज जब्त कर लिए हैं। पुलिस संध्या के दोस्तों से पूछताछ कर रही है और यह भी बताया कि मृतका ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है। फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कूपर हॉस्पिटल भेजा गया है।

❗ परिवार के गंभीर आरोप

संध्या के पिता सुभाष पाठक और मामा अशोक शर्मा ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए दावा किया है कि “मेरी बेटी को किसी ने ऊपर से धक्का दिया है, यह हादसा नहीं, हत्या है।” उनका कहना है कि संध्या मानसिक रूप से मजबूत, खुशमिजाज और आत्मनिर्भर लड़की थी। गुरुवार सुबह उसने चाय पी थी, हंसते हुए कॉलेज गई थी।

परिजनों का कहना है कि यह किसी गहरे षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है, और उन्होंने घटना की सीबीआई या उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। इस दुखद घटना ने परिवार को तोड़ कर रख दिया है।

🔍 अब जांच से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न:

  • संध्या तीसरी मंजिल पर क्यों गई, जबकि उसकी कक्षा ग्राउंड फ्लोर पर थी?

  • क्या CCTV में संदिग्ध गतिविधि दिखाई देती है?

  • क्या किसी छात्र, स्टाफ या परिचित का इसमें हाथ हो सकता है?

यह घटना केवल एक छात्रा की मौत नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र पर सवाल है—छात्रों की मानसिक सुरक्षा, परिसर की निगरानी व्यवस्था और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की खामियों को उजागर करती है। क्या यह आत्महत्या थी या साज़िश के तहत की गई हत्या—इसका जवाब अब पुलिस की गहन जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।

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