सातपाटी में समुद्री लहरों के कारण कटाव रोधी बांध क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ग्रामीणों ने टेट्रापोड आधारित मजबूत तटबंध की मांग की है।
पालघर, 3 जुलाई: पालघर जिले के सातपाटी गांव में समुद्री लहरें एक बार फिर स्थानीय लोगों के लिए खतरा बन गई हैं। वर्ष 2022-23 में बनाए गए 1,360 मीटर लंबे कटाव रोधी बांध का कई हिस्सों में भारी लहरों और पत्थरों की खिसकन के कारण विघटन हो गया है। इसका नतीजा यह हुआ कि बारिश और समुद्र का पानी गांव के डांडा इलाके समेत कई बस्तियों में घुस गया, जिससे कई घरों को नुकसान हुआ।
⚠️ स्थानीय प्रयास नाकाम, मरम्मत असंभव
स्थानीय लोगों ने बताया कि पत्थरों की बनावट और वजन के कारण बांध की ऊंचाई घट रही है, जिससे इसका प्रभाव कमजोर हो रहा है। ग्राम पंचायत ने डांडा क्रीक क्षेत्र में खुदाई और मरम्मत की कोशिश की, लेकिन वह लहरों के दबाव के आगे बेअसर साबित हुई।
🧱 ऊंचाई बढ़ाने और नए बांध का प्रस्ताव
इंजीनियरिंग विभाग ने मौजूदा बांध की ऊंचाई 8 मीटर से बढ़ाकर 9 मीटर करने का प्रस्ताव रखा है। वहीं महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड द्वारा बनाई जा रही सातपाटी फिशिंग जेट्टी के पास बचे हुए हिस्से में नए बांध के निर्माण की योजना है। एमएसआरडीसी ने इसके लिए 5 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जिससे लगभग 300–350 मीटर लंबा नया बांध बनेगा। हालांकि काम में कुछ महीनों की देरी हो सकती है।
💬 ग्रामीणों की मांग: टेट्रापोड आधारित तटबंध हो
समुद्र के आक्रामक स्वभाव को देखते हुए अब ग्रामीण मजबूत और टिकाऊ टेट्रापोड तकनीक से बने तटबंधों की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।
विधायक राजेंद्र गावित ने निधि से मरम्मत का आश्वासन दिया है, जबकि अभिभावक मंत्री गणेश नाइक ने जिला योजना निधि से मदद देने की इच्छा जताई है। लेकिन मानसून शुरू हो जाने के कारण कार्य फिलहाल स्थगित हो गया है।
मीरा-भायंदर में मराठी भाषा को लेकर शिवसेना की पहल: अमराठी नागरिकों को मिलेगा मुफ्त प्रशिक्षण