मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में स्पष्ट किया कि धर्मांतरण कर हासिल किए गए अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र रद्द किए जाएंगे, और धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कार्रवाई होगी।
मुंबई, 18 जुलाई: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधान परिषद में कहा कि अनुसूचित जाति (SC) आरक्षण का लाभ केवल हिंदू, बौद्ध और सिख समुदाय को ही मिलेगा। यह बयान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 26 नवंबर, 2024 को दिए गए निर्णय के आधार पर दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि ईसाई या अन्य धर्म अपनाने वालों को SC प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता। इस मुद्दे पर परिषद में पूछे गए सवालों के जवाब में फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार गलत प्रमाण पत्र जारी करने वालों और लाभ लेने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी।
धोखाधड़ी कर लिया लाभ तो होगी वसूली
फडणवीस ने यह भी स्पष्ट किया कि जो लोग धर्मांतरण के बाद भी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र लेकर नौकरी, चुनाव या अन्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं, उनसे ये लाभ वापस लिए जाएंगे और प्रमाण पत्र रद्द होंगे। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी, दबाव या प्रलोभन देकर धर्मांतरण करवाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। राज्य पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट सरकार को प्राप्त हो चुकी है, जिसके आधार पर कानूनी प्रावधान किए जाएंगे।
क्रिप्टो क्रिश्चियन को लेकर सख्ती
फडणवीस ने कहा कि गुप्त रूप से ईसाई धर्म अपनाकर खुद को हिंदू बताने वाले “क्रिप्टो क्रिश्चियन” अब राज्य सरकार की निगरानी में हैं। ऐसे लोगों द्वारा लिए गए SC प्रमाण पत्र की वैधता की जांच की जाएगी और संदेह होने पर मौके पर जाकर प्रमाण पत्र रद्द करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारियों को ऐसे मामलों की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।
स्वैच्छिक धर्मांतरण नहीं रोका जाएगा, पर धोखाधड़ी नहीं चलेगी
मुख्यमंत्री ने अंत में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार स्वैच्छिक धर्मांतरण के खिलाफ नहीं है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति ने झूठ, दबाव या लालच से धर्मांतरण करवाया है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि बिना किसी धार्मिक भेदभाव के, यदि कोई संस्था या व्यक्ति दोषी पाया गया, तो उस पर कार्रवाई तय है।