Seva Vivek : आदिवासी महिलाओं की अनोखी कलाकृति की तारीफ़,मंत्रीद्वय ने की उज्ज्वल भविष्य की कामना
पालघर क्षेत्र में कार्यरत सेवा विवेक (Seva Vivek) स्वयंसेवी संस्था, आदिवासी समाज के उत्थान और महिला सशक्तिकरण की दिशा में पिछले कई वर्षों से कार्यरत है।सेवा विवेक (Seva Vivek) आगामी दिनों में इस हस्तकला के विकास को गति को रफ्तार देने और इसे बहुआयामी और बहुप्रकल्पी क्षेत्रों की दिशा देने में कार्यरत है।
पालघर जिले में आदिवासी महिलाओं द्वारा हस्तकला में रुचि और समर्पण भावना को देखते हुए मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने आदिवासी महिलाओं की प्रशंसा करते हुए इस दिशा में सहयोग और प्रोत्साहन देने की बात की।
इस मौके पर सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार एवं पर्यटन, महिला एवं बाल विकास मंत्र मंगल प्रभात लोढ़ा को सेवा विवेक (Seva Vivek) सामाजिक संगठन के पालघर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा बाँस की हस्तशिल्प भेंट की गई।जिस पर मंत्री द्वय ने सेवा विवेक (Seva Vivek) के प्रयासों की सराहना करते हुए आदिवासी महिलाओं द्वारा प्रदत्त उपहार को स्वीकार करते हुए दोनों मंत्रियों ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
कार्यक्रम के इस सुअवसर हिन्दुस्तान प्रकाशन के अध्यक्ष रमेश पतंगे, विवेक वीकली के प्रबंध संपादक दिलीप करमबेलकर, लुकेश बूँद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सेवा विवेक (Seva Vivek) , राजकुमारी गुप्ता – सामाजिक कार्यकर्ता, प्रशिक्षण एवं विकास अधिकारी प्रगति भोईर महिला आदिवासी बांस कारीगर नम्रता सांबारे एवं रजनी सांबरे उपस्थित रहीं। वीकली विवेक (Seva Vivek) द्वारा आयोजित, विनीत तेलंग द्वारा लिखित नवरस पर लतादीदी के गीतों का पुस्तक विमोचन समारोह रवींद्र नाट्य मंदिर में आयोजित किया गया था।
पुस्तक का विमोचन सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और पर्यटन, कौशल विकास एवं उद्योग, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्री मंगल प्रभात लोढ़ा, वरिष्ठ गायक एवं संगीतकार श्रीधर फड़के ने किया।
आपको बता दें कि वर्षों से सेवा विवेक ने जिले की जरूरतमंद आदिवासी महिलाओं को गृहकार्य करके उन्हें सम्मानजनक रोजगार दिलाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की पहल की है। ऐसी महिलाओं को बांस हस्तशिल्प का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है।
पालघर जिले की आदिवासी महिलाओं को बांस हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया जा रहा है और अब तक सैकड़ों से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इस प्रशिक्षण को पूरा करने के बाद, महिलाओं ने बांस से उच्च गुणवत्ता वाले पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
महिलाओं द्वारा बनाई गई राखी और कंदील की इस वर्ष विदेशों में भी मांग रही। साथ ही, वर्ष भर महिलाएं बड़ी संख्या में अन्य वस्तुओं का उत्पादन करती हैं, जिनमें 36 आकर्षक बांस हस्तशिल्प जैसे पेन होल्डर, मोबाइल होल्डर, पत्राधार, फिंगर जॉइंट ट्रे आदि शामिल हैं। पालघर जिले में आदिवासी महिलाओं का रोजगार सृजन बढ़ रहा है और प्रशिक्षण के बाद उन्हें घर के दैनिक कार्यों को करने के बाद अपने खाली समय में बांस का काम करके रोजगार का एक बड़ा अवसर मिला है।
जैसे-जैसे महिलाओं को अच्छा रोजगार मिल रहा है, वे घर की जिम्मेदारी स्वीकार कर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हैं। पिछले साल सेवा विवेक (Seva Vivek) के कार्यों की पूर्व राष्ट्रपति और महामहिम राज्यपाल ने सराहना की है।पूर्व राष्ट्रपति ने प्रशिक्षित लोगों को सम्मानित किया आदिवासी महिलाएं संगठन के लिए एक प्रशिक्षक के रूप में काम कर रही हैं और नई महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही हैं। इससे आदिवासी समाज में महिलाओं का विश्वास बढ़ा है।