एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार ने पुणे में एक कार्यक्रम में चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 1978 में उन्होंने वसंतदादा पाटिल की सरकार गिराई थी, लेकिन बाद में वही उन्हें मुख्यमंत्री बनाने में आगे आए।
पुणे, 17 अगस्त: एनसीपी-एसपी प्रमुख और वरिष्ठ नेता शरद पवार ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एक बड़ा राजनीतिक रहस्य उजागर किया। उन्होंने बताया कि 1978 में वसंतदादा पाटिल की सरकार गिराने में उनकी अहम भूमिका थी। खास बात यह रही कि करीब दस साल बाद वही वसंतदादा पाटिल, जिनकी सरकार उन्होंने गिराई थी, ने ही उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया।
🌐 कांग्रेस में ‘उदार नेतृत्व’ की तारीफ
शरद पवार ने कहा कि उस दौर में कांग्रेस के भीतर ऐसा ‘उदार नेतृत्व’ था, जो व्यक्तिगत मतभेदों से ऊपर उठकर पार्टी की एकता और विचारधारा को महत्व देता था। उन्होंने कहा, “कल्पना कीजिए, जिस नेता की सरकार मैंने गिराई, उसी ने मुझे मुख्यमंत्री बनाने की सिफारिश की। ऐसा था तब का नेतृत्व।” पवार का यह बयान आज की राजनीति पर भी एक टिप्पणी माना जा रहा है, जहां व्यक्तिगत टकराव अकसर सहयोग की राह में बाधा बनते हैं।
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🗳️ आपातकाल के बाद कांग्रेस का बंटवारा और पवार की भूमिका
आपातकाल के बाद कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गई थी,कांग्रेस (इंदिरा) और स्वर्ण सिंह कांग्रेस। पवार ने बताया कि वे यशवंतराव चव्हाण के साथ स्वर्ण सिंह कांग्रेस में शामिल हुए थे। चुनाव में किसी भी गुट को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और सर्वसम्मति से वसंतदादा पाटिल मुख्यमंत्री बने।
हालांकि, युवा नेताओं की नाराजगी जारी रही और इसी विरोध से सरकार गिराने का रास्ता बना।
🏛️ नेतृत्व और दोबारा एकजुटता
पवार ने आगे कहा कि जब वे सरकार गिराने में सफल हुए और मुख्यमंत्री बने, उसके करीब दस साल बाद कांग्रेस दोबारा एकजुट हुई। नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए बैठक बुलाई गई, तब कई नाम सामने आए, लेकिन वसंतदादा पाटिल ने साफ कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए शरद पवार ही नेतृत्व करेंगे।
शरद पवार ने इसे उस दौर की राजनीतिक परिपक्वता और नेतृत्व की दूरदर्शिता का उदाहरण बताया।
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