भायंदर,6 जुलाई: मीरा-भायंदर में मराठी भाषा को लेकर हाल ही में हुए विवाद के बाद अब शिवसेना (शिंदे गुट) ने एक सकारात्मक कदम उठाया है। मराठी को जबरन थोपने को लेकर समाज में उपजे तनाव को देखते हुए अब शिवसेना की शाखाओं में अमराठी नागरिकों को मराठी भाषा सिखाने की योजना शुरू की जा रही है। इस पहल के तहत शाखाओं में बाराखड़ी और अन्य शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी ताकि लोग मराठी को सम्मान और सहजता से सीख सकें।
इस कदम की पृष्ठभूमि में वह घटना है जिसमें मनसे कार्यकर्ताओं ने एक मिठाई दुकानदार से मारपीट की थी, क्योंकि वह मराठी में बातचीत नहीं कर रहा था। इस घटना ने राज्य भर में विरोध और असंतोष फैलाया, जिससे मीरा-भायंदर की छवि भी प्रभावित हुई। सरकार ने इस तरह की जबरदस्ती की घटनाओं का विरोध करते हुए कहा है कि मराठी को प्रेम से अपनाने की जरूरत है, न कि डर से।
परिवहन मंत्री और शिवसेना नेता प्रताप सरनाईक ने कहा कि यह पहल नफरत नहीं बल्कि समझदारी और मेलजोल को बढ़ावा देगी। उन्होंने भरोसा जताया कि इससे स्थानीय और बाहरी नागरिकों के बीच की दूरी कम होगी और मराठी भाषा को लेकर सद्भाव का वातावरण बनेगा। उनका कहना है कि मीरा-भायंदर एक शांतिप्रिय शहर है, और यहां के लोग मराठी भाषा का सम्मान करते हैं, बस जरूरत है उन्हें मार्गदर्शन और अवसर देने की।
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