Shri Krishna Janmashtami 2024 : दही हांडी उत्सव में 238 गोविंदा घायल, पिछले साल की तुलना में इस बार बढ़ी संख्या
मुंबई: श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami 2024) के अवसर पर मनाए गए दही हांडी उत्सव में इस वर्ष 238 गोविंदा घायल हो गए। यह आंकड़ा बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और विभिन्न निजी अस्पतालों से प्राप्त ताजा रिपोर्ट के आधार पर सामने आया है। इससे पहले, बुधवार की रिपोर्ट में यह संख्या 206 थी, जो बाद में बढ़कर 238 हो गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, घायल गोविंदाओं में से कई का इलाज विभिन्न निजी अस्पतालों के ओपीडी में चल रहा है। इनमें से 157 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि बाकी का इलाज जारी है।
पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक लोग घायल हुए हैं। पिछले वर्ष दही हांडी उत्सव के दौरान 195 गोविंदा घायल हुए थे। बीएमसी के अनुसार, उन 195 में से 18 को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जबकि शेष 177 को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी।
दही हांडी उत्सव, मुंबई की प्रमुख सांस्कृतिक गतिविधियों में से एक है, जो भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं और उनके मक्खन-दही के प्रति प्रेम का प्रतीक है। इस उत्सव में, एक मिट्टी के बर्तन (मटकी) में दही, मक्खन और अन्य दूध से बने उत्पादों को भरकर ऊँचाई पर लटकाया जाता है। इसके बाद, गोविंदा नामक समूह मानव पिरामिड बनाकर उस मटकी तक पहुंचते हैं और उसे तोड़ते हैं।
यह परंपरा भगवान कृष्ण की चंचलता और मासूमियत को दर्शाती है, जिसे उन्होंने अपने बाल्यकाल में ऊँचाई पर लटकी मटकी से दही चुराकर प्रदर्शित किया था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र महीने की अष्टमी तिथि को हुआ था, जो आमतौर पर अगस्त या सितंबर में आता है। इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण की पूजा, नृत्य, संगीत, और दही हांडी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।
मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में यह उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि, हर साल इस उत्सव में भाग लेने वाले गोविंदाओं के घायल होने की घटनाएं सामने आती हैं। इस बार भी उत्सव की खुशी में कई गोविंदा घायल हो गए, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। बीएमसी और अन्य संबंधित एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत के मुताबिक हर संभव सहायता प्रदान कर रही हैं।
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