ठाणे रेलवे स्टेशन पर एक व्यापारी के साथ लूट की घटना के बाद RPF अधिकारी द्वारा शिकायत दर्ज करने से इनकार किया गया, जिससे रेलवे में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
ठाणे,11अगस्त: ठाणे रेलवे स्टेशन पर एक चौंकाने वाली घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था की हकीकत उजागर कर दी है। विक्रोली निवासी एक व्यापारी, जो मुंबई के लिए यात्रा कर रहे थे, उनके साथ स्टेशन पर एक संगठित लूट की कोशिश हुई और सबसे दुखद यह रहा कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया।
🧒🏼 फुटओवर ब्रिज पर हमला, मोबाइल छीनने की कोशिश
व्यापारी जब ठाणे रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज से प्लेटफॉर्म की ओर जा रहे थे, तब दो बच्चे उनके पास आए और पैसे मांगने लगे। जैसे ही व्यापारी ने प्रतिक्रिया देने की कोशिश की, अचानक कुछ युवकों का समूह आया और मोबाइल छीनने की कोशिश की। डरकर व्यापारी प्लेटफॉर्म 3 की ओर भागे, लेकिन वहां भी दो युवक उन्हें डराने लगे। किसी तरह जान बचाकर व्यापारी प्लेटफॉर्म 6 पहुंचे और कोणार्क एक्सप्रेस में चढ़कर दादर स्टेशन पहुंचे।
🚨 RPF की चौंकाने वाली बेरुखी
जब व्यापारी दादर स्टेशन पर उतरे, तो उन्होंने तुरंत प्लेटफॉर्म 12 पर तैनात RPF कर्मियों को घटना की जानकारी दी। लेकिन अफसर ने शिकायत दर्ज करने से इनकार करते हुए कहा: “हमारे पास आने का नहीं… तुम्हारा कंप्लेंट बाहर देखो।”
यह सुनकर व्यापारी हतप्रभ रह गए और स्टेशन के बाहर स्थित दादर लोहमार्ग पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट दर्ज करवाई।
नागपुर में दर्दनाक हादसा: पत्नी की लाश बाइक पर बांधकर ले गया पति, मदद न मिलने का आरोप
⚖️ लोहमार्ग पुलिस ने लिया संज्ञान, केस ठाणे RPF को सौंपा
दादर पुलिस ने व्यापारी की शिकायत पर IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और जांच के बाद केस को घटनास्थल के अनुसार ठाणे रेलवे पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया।
❗ सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
पीड़ित व्यापारी ने बयान में कहा: “अगर मुंबई जैसे शहर में रहने वाले एक व्यापारी के साथ RPF ऐसा व्यवहार करती है, तो बाहर से आने वाले आम यात्री कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे?” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “RPF केवल गश्त लगाने के लिए नहीं, संकट में यात्रियों की सहायता करने के लिए है।”
🧠 निष्कर्ष: सिस्टम की संवेदनहीनता उजागर
यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की परेशानी नहीं, बल्कि पूरे रेलवे सुरक्षा तंत्र की असंवेदनशीलता का प्रतीक है। यदि यात्री खुद को स्टेशन पर असुरक्षित महसूस करें और सुरक्षा एजेंसियां शिकायत लेने से भी इंकार करें, तो यह सिस्टम की विफलता है। रेलवे प्रशासन और RPF को इस घटना से सीख लेकर कर्मचारियों को जवाबदेह बनाना और यात्रियों को भरोसा दिलाना अनिवार्य है।
यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की परेशानी नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की असंवेदनशीलता का प्रतीक है। यह आवश्यक हो गया है कि RPF और रेलवे प्रशासन इस घटना से सीख लेकर अपने कर्मचारियों को जवाबदेह बनाए और सुनिश्चित करें कि कोई भी यात्री अपनी शिकायत लेकर निराश न लौटे।
पालघर की महिला की ट्रैफिक जाम में एंबुलेंस फंसने से मौत, समय पर इलाज न मिलने से गई जान