Three Language Formula: राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है जिसे सभी राज्यों पर थोपा जाए। मराठी जैसी प्राचीन भाषा के ऊपर हिंदी को लाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुंबई, 30 जून : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने सोमवार को कहा कि हिंदी को जबरन बाकी राज्यों पर थोपना गलत है। उन्होंने कहा कि हिंदी केवल एक बोली जाने वाली भाषा है, लेकिन इसे मराठी जैसे प्राचीन और समृद्ध भाषा से ऊपर दिखाना ठीक नहीं।
राज ठाकरे ने साफ कहा कि देश में कई भाषाएं हैं और ऐसे में सिर्फ हिंदी को राष्ट्रभाषा बताना अनुचित है। उन्होंने कहा कि मराठी की 3000 साल से ज्यादा की परंपरा है, जबकि हिंदी केवल 150-200 साल पुरानी भाषा है।
राज ठाकरे और शिवसेना (उद्धव गुट) ने स्कूलों में पहली से पांचवीं तक हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने के सरकार के फैसले का विरोध किया था। इसके चलते सरकार को 16 अप्रैल के सरकारी आदेश को बदलकर 17 जून को नया आदेश जारी करना पड़ा, जिसमें हिंदी को वैकल्पिक भाषा बना दिया गया।
राज ठाकरे ने कहा कि यह दबाव की राजनीति बंद होनी चाहिए और भाषा के सम्मान में भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।
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