Vasai Landslide : खिसकी चट्टान, दो की गयी जान, हत्या या हादसा,किसने ली जान ?
ये हादसा नहीं ह्त्या है !, नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप
महाराष्ट्र में भारी बारिश (Heavy Rainfall) के बीच पालघर जिले के Vasai Virar से आज एक दुखद घटना सामने आई है। Vasai पूर्व के राजीवली वाघराल पाढ़ा,भोइदा पाढा (Bhoida Padha) में बुधवार सुबह लगभग 7 बजे लैंड-स्लाइड (Vasai LandSlide) हुई, जिसके नीचे दबकर एक परिवार के मुखिया और उसकी बेटी की दर्दनाक मौत हो गई और हादसे में महिला और उसका बेटा अस्पताल में एडमिट हैं जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
पालघर जिले में बारिश का रेड अलर्ट जारी है और बीते 2 दिनों से रूक रूक कर बरसात हो रही है। ऐसे में अधिकतर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जो आज Vasai पूर्व के भोइदा पाढा में सामने आई है।
जानकारी के अनुसार वसई के बाघराल पाढा में अमित ठाकुर उम्र 35,पत्नी वंदना ठाकुर उम्र 33 वर्ष,इनके दो बच्चे रोशनी ठाकुर उम्र 14 वर्ष और ओम अमित ठाकुर उम्र 10 वर्ष,सपरिवार रहते थे। आज के इस हादसे (Vasai Landslide) में एक हंसता खेलता परिवार बर्बाद हो गया। चट्टान खिसकने की इस घटना में पिता अमित ठाकुर और बेटी रोशनी ठाकुर की दर्दनाक मौत हो गई और मां वंदना और बेटा ओम ठाकुर अस्पताल में गंभीर अवस्था में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं।
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हत्या या हादसा ?
Vasai पूर्व के भोइदा पाढा के वाघराल पाढा में हुई इस दर्दनाक घटना (Vasai Landslide) के बाद राजनीतिक दल,आम जनता ने इसे भ्रष्टाचार के लिए हत्या करार दिया है और इसके लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
Vasai पूर्व राजीवली स्थित भोयदापाडा , वाघरल पाडा में बीते कुछ वर्षों में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डरों ने पेड़ पौधों , प्राकृतिक नालों , तालाब व पहाड़ों को तोड़कर वहां बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण तैयार किए है।
तस्वीरें बताती हैं कि भोइडा पाढा में कितने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है,जो आज भी अनवरत जारी है। ’अपना घर’ के चक्कर में यहां बसेरा लेने वालों को ना तो कोई सुविधा मिलती है और ना ही कोई सहूलियत।यहां ना तो सड़के हैं,ना ही पानी,ना ही साफ सफाई और ना ही अन्य बुनियादी सुविधाएं। सूत्र बताते हैं कि भोईडा पाढा की इस खदान पर बसाये जा रहे आबादी वाले क्षेत्र के लिए राजस्व अधिकारियों जिसमें तहसील–महसूल विभाग के अधिकारियों का पूरा- पूरा हाथ है।जिसे इस घटना के पीछे जिम्मेदार माना जा रहा है।लोगों का आरोप है कि यहाँ व्यापक पैमाने पर सालों से हो रहे अतिक्रमण और उत्खनन पर आखिर कलेक्टर, तहसीलदार, सर्कल, तलाठी इत्यादि अधिकारी रोक क्यों नहीं लगा पा रहे ?
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घटना का कौन है जिम्मेदार, आखिर कौन है असली गुनाहगार ?
बात साल 2018 की है जब मनसे प्रमुख राज ठाकरे की दखल के बाद दो हजार से अधिक घरों पर कार्रवाई की गई थी।जो Vasai Virar में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई थी। कार्रवाई के बाद सैकड़ों लोग बेघर हुए थे। हालांकि बाद में बिल्डरों ने कुछ लोगों को उन्हें घर दिया है लेकिन आज भी पहाड़ों को एक-एक कर ये बिल्डर निगलते जा रहे हैं। दिन दहाड़े बड़े-बड़े पहाड़ों को काटकर वहां की मिट्टी बेची जा रही है और वहां जो जमीन खाली हो रही है वहां अवैध निर्माण कर रूम बनाकर बेचा जा रहा है।
यहां आज की तारीख में अवैध उत्खनन और अवैध निर्माण बदस्तूर जारी है। सरकारी जमीन पर बने इन घरों को खरीदने वालों का क्या भविष्य है ये आने वाला समय बताएगा। यहां हजारों घर बनाए और बेचे जा रहे हैं साथ ही इसी जमीन पर आरसीसी निर्माण कर अवैध स्कूल भी बनाया गया है।जहां इन झोपड़ों में रहने वालों के बच्चे अपना भविष्य संवारने जाते हैं।
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भोयदापाडा स्थित वाघरलपाडा में दस से पन्द्रह साल पहले बिल्डरों ने वन व महसूल विभान की जमीन पर कब्जा करके वहाँ अवैध बस्ती बसा दी। दरअसल वाघरलपाडा के दोनों तरह पहाड़िया व जंगल है। यह क्षेत्र इको-सेंसिटिव जोन में भी आता है लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से बिल्डरों ने पहाड़, तालाब, पेड़ पौधे काटकर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कर डाला। सस्ते व वैध के नाम पर सैकडों गरीबों को घर बेचे गए। पहाड़ो को काटकर बस्ती बसाने का सिलसिला जारी है।
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इन्ही पहाड़ों के ठीक बगल था ये रूम जहां आज ये वज्रपात हुआ है।एक खुशहाल परिवार आज भ्रष्टाचार (Vasai Land Slide) की भेंट चढ़ गया। पीड़ित परिवार अपना घर के चक्कर में अपना सब कुछ गंवा बैठा।परिवार का मुखिया और उसकी बेटी इस भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।
बीजेपी नेता राजन नाइक ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा है कि ये लापरवाही नहीं बल्कि ये भ्रष्टाचार है और जिस तरह से भोइदा पाढा में अवैध निर्माण हुए हैं ये मजबूर लोगों एक साथ अन्याय है।उन्हें सुविधाओं के नाम पर लूटा गया है जिसके लिए तहसील,जिला प्रशासन,वसई विरार शहर मनपा के अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
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मनसे नेता स्वप्निल डिकुना का सीधा आरोप है कि ये प्राकृतिक हादसा ना होकर एक हत्या है जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा लिखा जाना चाहिए।
मेट्रो सिटी समाचार ने भोइदा पाढा में जारी इस अनर्गल कार्यों पर मनपा के अतिरिक्त आयुक्त से शिकायत करते हुए कार्रवाई की बात की थी जिस पर अतिरिक्त आयुक्त आशीष पाटिल ने प्रतिक्रिया देते हुए आश्वस्त किया था कि वहां हो रहे इस लूटमार पर वो रोक लगाएंगे और उसके लिए उन्होंने खुद भोइदा पाढा, राजीवाली क्षेत्रों का दौरा करने और चल रहे अवैध निर्माणों की जानकारी लेने की बात स्वीकार की थी.जबकि ना तो अवैध निर्माण रुका और ना ही अवैध खनन। आखिर मनपा अधिकारी जनता को क्यों गुमराह करते रहे,इसकी जांच होनी चाहिए।जिस पर प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दखल देने की आवश्यकता है।