Vasai-Virar News: विरार पश्चिम में स्थित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र बेहद खराब स्थिति में है। जीर्ण-शीर्ण इमारत, स्टाफ की कमी और गंदगी के कारण यहां इलाज के लिए आने वाले दिव्यांगों को भारी परेशानी हो रही है।
विरार, 29 जून : विरार पश्चिम के बोलिंज क्षेत्र में बना जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र आज बुरी हालत में पहुंच चुका है। 1983 में शुरू किया गया यह केंद्र विकलांगों को मुफ्त जांच, इलाज, कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, और सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए स्थापित किया गया था। पालघर जिले के दूरदराज से लोग यहां इलाज के लिए आते हैं।
लेकिन अब इस केंद्र की इमारत जर्जर हो चुकी है। छत से सीमेंट झड़ रहा है, दीवारें टूट चुकी हैं, खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं और अंदर सफाई भी नहीं है। CCTV और उपस्थिति मशीन भी बंद पड़ी हैं।
सबसे बड़ी समस्या है,कर्मचारियों की कमी। कुल 21 पदों में से सिर्फ 7 कर्मचारी काम कर रहे हैं। नतीजतन, आने वाले मरीजों को ठीक से सेवा नहीं मिल पा रही। केंद्र के पास कोई सुरक्षा दीवार भी नहीं है और वहां पहुंचने का रास्ता भी काफी खराब है। विकलांग बच्चों के लिए बना एक स्कूल भी 2013 से बंद है और अब वो भी खंडर में बदल गया है।
• प्रशासन की प्रतिक्रिया:
दिव्यांग पुनर्वास अधिकारी नितिन ढागे ने बताया कि केंद्र की हालत सुधारने के लिए सरकार से लगातार संपर्क किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग को भवन मरम्मत के लिए पत्र लिखा गया है और 20 लाख रुपये का प्रस्ताव पालघर जिला योजना समिति को भेजा गया है।
• निवासियों की मांग:
स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग है कि केंद्र का जल्द से जल्द नवीनीकरण किया जाए और यहां कर्मचारियों की नियुक्ति कर दिव्यांगों को बेहतर सुविधाएं दी जाएं।
दिव्यांगों की देखभाल और पुनर्वास एक संवेदनशील और जरूरी कार्य है। ऐसे केंद्रों को सुरक्षित, स्वच्छ और सक्रिय रखना प्रशासन और समाज दोनों की जिम्मेदारी है।