मुंबई, 18 जून 2025 — मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे बड़ा निर्णय विरार-अलीबाग मल्टी-मॉडल कॉरिडोर (VAMMC) (Virar Alibaug Multi-Modal Corridor VAMMC) परियोजना को बिल्ड, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (BOT) मॉडल पर विकसित करने का है। यह परियोजना मुंबई महानगर क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
🛣 क्या है VAMMC परियोजना?
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लंबाई: कुल 126 किमी, दो चरणों में (पहला – 98 किमी, दूसरा – 29 किमी)
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लागत: ₹26,300 करोड़
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नया मॉडल: पहले EPC मॉडल प्रस्तावित था, अब BOT पर किया जाएगा
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निर्माण: पहले से जारी सात ठेके रद्द, अब नए टेंडर
यह कॉरिडोर मुंबई-अहमदाबाद, मुंबई-नासिक और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, जिससे विरार से अलीबाग की यात्रा सिर्फ 1.5–2 घंटे में पूरी हो सकेगी। 8–14 लेन के इस एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे से न सिर्फ यातायात सुगम होगा, बल्कि मुंबई की भीड़ भी कम होगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
🌾 कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी फैसले
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ग्राम स्तर पर ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (AWS) लगाने को मंजूरी – किसानों को मिलेगा सटीक मौसम पूर्वानुमान
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AI आधारित ‘महा-कृषि एआई नीति 2025–2029’ को स्वीकृति – ड्रोन, IoT, रोबोटिक्स, जनरेटिव AI जैसी तकनीकों के ज़रिए खेती को स्मार्ट बनाया जाएगा
🏭 उद्योग और शिक्षा क्षेत्र में निर्णय
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नासिक के जम्बुटके में आदिवासी औद्योगिक क्लस्टर के लिए MIDC को 29 हेक्टेयर भूमि का आवंटन
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NRI बच्चों को पेशेवर कोर्स में प्रवेश की राह आसान – कानून में बदलाव को मंजूरी
🚇 अन्य फैसले:
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मुंबई मेट्रो रूट 2A, 2B और 7 के लिए ADB और NDB से लोन विस्तार की अनुमति
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आपातकाल में जेल गए लोगों को मानदेय में बढ़ोतरी – अब जीवित पति/पत्नी को भी लाभ
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एडमिशन व फीस रेगुलेशन एक्ट 2015 में संशोधन
मंत्रिमंडल के इन फैसलों से स्पष्ट है कि महाराष्ट्र सरकार एक साथ आवागमन, कृषि, शिक्षा और तकनीक के क्षेत्रों में संतुलित विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है। विशेषकर विरार-अलीबाग कॉरिडोर आने वाले वर्षों में मुंबई महानगर क्षेत्र की रीढ़ साबित हो सकता है।