विरार में कथित तौर पर मराठी भाषा के अपमान मामले पर ऑटो चालक राजू पटवा को शिवसेना और मनसे कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक रूप से पीटा। पुलिस ने शांति भंग, अवैध जमावड़ा और दंगों की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
विरार,13 जुलाई: विरार में एक ऑटो रिक्शा चालक राजू पटवा और स्थानीय युवक भव्येश पडोलिया के बीच सड़क पर ओवरटेक को लेकर बहस हुई। भव्येश ने मराठी में सवाल किया, लेकिन राजू पटवा ने हिंदी में जवाब देते हुए कहा, “हिंदी बोलूंगा, भोजपुरी बोलूंगा, पर मराठी नहीं बोलूंगा।” इस बात ने स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़का दिया और मामला तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
शनिवार को शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और मनसे के कुछ कार्यकर्ताओं ने विरार रेलवे स्टेशन के पास राजू पटवा को पकड़ लिया। वीडियो में साफ दिखा कि उसे सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारे गए और उसे हाथ जोड़कर माफी मांगने को मजबूर किया गया। राजू ने महाराष्ट्र, मराठी भाषा और मराठी जनता से माफी मांगी। इस घटना ने मराठी अस्मिता और भाषा के मुद्दे को फिर से जोरदार तरीके से सामने ला दिया है।
पुलिस ने शिवसेना (UBT) के विरार शहर कार्याध्यक्ष उदय जाधव सहित कुल छह आरोपियों के खिलाफ धारा शांति भंग, अवैध जमावड़ा और दंगे के आरोप में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना पर समाज में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोगों ने इसे मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा बताया, जबकि कईयों ने भीड़ द्वारा कानून अपने हाथ में लेने की निंदा की है। अब सवाल यह उठता है कि भाषा सम्मान और कानून के बीच कैसे संतुलन बनाकर शांति कायम रखी जाए।