विरार पुलिस (Virar Police) द्वारा आस-पास के इलाकों में बढ़ रहे अपराधों की रोकथाम के लिए अलग-अलग टीमें बनाकर कई जगहों पर औचक खोज अभियान चलाया जा रहा है.
इन्हीं खोज अभियानों के दौरान एक 26 वर्षीय युवक संदिग्ध हरकतें करता हुआ पुलिस की निगाह में आया. जब पुलिस कर्मियों ने युवक से पूछताछ करना चाहा तो युवक घबराकर भागने लगा, जिसके बाद पुलिस ने युवक का पीछा कर उसे अपने गिरफ्त में लिया। पूछताछ के बाद पता चला कि इस युवक के नाम से गुजरात के सूरत शहर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गयी थी जिसके अभिलेखों में संख्या 15/2024 के तहत मामला दर्ज था। जिसके बाद विरार पुलिस द्वारा उक्त युवक के माता-पिता से संपर्क किया गया और पुष्टि की गई, तो युवक के माता-पिता द्वारा जानकारी दी गयी कि हिरासत में आया युवक उनका बेटा है. पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई से परिवारजन काफी खुश हुए और उन्होंने पुलिस को तहे दिल से धन्यवाद किया।
इसी प्रकार Virar Police द्वारा उक्त कॉम्बिंग ऑपरेशन को पूरा करने के बाद जब पुलिस उपनिरीक्षक/भाऊसाहब डुबे अपने आवास पर जा रहे थे तो उन्हें ट्रेन में एक युवक और युवती संदिग्ध अवस्था में दिखे। उन्होंने युवक और युवती से आवश्यक जानकारी हासिल की तो उन्हें उन्हें मालूम हुआ कि युवक और युवती सूरत से चोरी-छुपे मुंबई आये है. चूंकि मामला गंभीर प्रतीत हो रहा था, इसलिए पोउपनि-डुबे तुरंत युवक और युवती को नजदीकी नयानगर पुलिस स्टेशन ले गए और उन्हें पुलिस को सौंप दिया। जहाँ पूछताछ में पूरा विवरण प्राप्त किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह जानकारी सामने आई कि उक्त घटना में युवक ने युवती का अपहरण कर लिया था जिस सम्बन्ध में गुजरात के सूरत शहर में लड़की के अपहरण का मामला दर्ज किया गया है, जिसके बाद सूरत पुलिस को सूचना दे दी गई.
इसी के साथ, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय पवार (Virar Police) और वरिष्ठों के आदेश पर विरार पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर विभिन्न स्थानों पर कोंबिग ऑपरेशन चलाया गया। उक्त कोंबिग ऑपरेशन हेतु 05 पुलिस पदाधिकारी एवं 25 पुलिस प्रवर्तक नियुक्त किये गये थे. उक्त कोंबिग ऑपरेशन (Virar Police) के दौरान कई संदिग्ध होटल, लॉज की जांच की गई। वांछित व फरार आरोपियों के हिस्ट्रीशीट की जांच कर उन पर कार्यवाही शुरू की गई। अनियंत्रित वाहन चालकों के विरुद्ध 283 आईपीसी के तहत कार्रवाई की गई। 03 नशेड़ियों के विरूद्ध एन.डी.पी.एस. कानूनी कार्रवाई की गई. साथ ही नाकाबंदी के दौरान संदिग्ध वाहनों और गाड़ियों की जांच की गई और मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई. देर तक प्रतिष्ठान चालू रखने वाले प्रतिष्ठान के चालकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है।
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