नायगांव-भायंदर खाड़ी पुल पर चलती लोकल से फेंके गए नारियल की चपेट में आने से 30 वर्षीय संजय भोईर की मौत। नागरिकों ने सख्त कार्रवाई की मांग की।
नायगांव/वसई: नायगांव और भायंदर खाड़ी पुल के बीच हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे पणजू गांव को शोक में डुबो दिया है। चलती लोकल ट्रेन से फेंके गए नारियल की चपेट में आने से 30 वर्षीय संजय भोईर की इलाज के दौरान मौत हो गई।
कैसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार, पणजू बेट निवासी संजय भोईर खाड़ी पुल से पैदल नायगांव स्टेशन की ओर जा रहे थे। उसी दौरान लोकल ट्रेन से यात्रियों ने पूजा के बाद का निर्माल्य और नारियल खाड़ी में फेंका। दुर्भाग्यवश नारियल सीधे संजय भोईर के सिर पर लगा, जिससे वे मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए।
इलाज के दौरान मौत
घायल अवस्था में उन्हें पहले वसई के सर डी. एम. पेटिट मनपा अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के एक बड़े अस्पताल में रेफर किया गया, लेकिन गंभीर सिर की चोट और अधिक रक्तस्राव के कारण रविवार सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
स्थानीय नागरिकों का आरोप
स्थानीय निवासियों का कहना है कि नायगांव-भायंदर और वैतरणा-विरार खाड़ी पुलों पर अक्सर यात्री चलती ट्रेनों से मूर्तियां, निर्माल्य और नारियल खाड़ी में फेंकते हैं। कई बार ये वस्तुएं पैदल चलने वालों पर गिरकर दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं।
गांव में शोक और प्रशासन से मांग
इस हादसे के बाद पणजू गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने रेलवे प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि चलती लोकल से खाड़ी में वस्तुएं फेंकने वालों पर सख्ती से रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
यह हादसा एक बार फिर से इस गंभीर लापरवाही पर सवाल खड़ा करता है कि धार्मिक आस्था और परंपराओं के नाम पर की जा रही लापरवाही आम लोगों की जान के लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।