विरार, 28 अक्टूबर 2025: वसई-विरार महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाले नालासोपारा-आचोळे क्षेत्र (आरक्षण क्रमांक 455 और सर्वे नंबर 6) में बनने वाले प्रस्तावित मल्टीस्पेशालिटी अस्पताल के सर्वेक्षण कार्य में एक बार फिर बहुजन विकास आघाड़ी (BVA) के नेता और पूर्व महापौर रूपेश जाधव द्वारा रुकावट डालने का मामला सामने आया है।
आज सुबह इस जगह का दौरा करने पहुंचे नालासोपारा विधानसभा के भाजपा विधायक राजन नाईक, महानगरपालिका अधिकारी और पार्टी पदाधिकारियों को रूपेश जाधव ने मौके पर पहुंचकर धमकाने और सर्वेक्षण कार्य रुकवाने का प्रयास किया, जिससे मौके पर हंगामे की स्थिति बन गई।
15.82 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट, 200 बिस्तरों वाला आधुनिक अस्पताल
नालासोपारा-आचोळे के इस आरक्षण क्षेत्र में प्रस्तावित 200 बेड के अत्याधुनिक अस्पताल के लिए पहले ही भूमिपूजन किया जा चुका है। इस परियोजना के लिए वसई-विरार महानगरपालिका ने ₹15.82 करोड़ का बजट आवंटित किया है और कार्यादेश भी जारी किए जा चुके हैं। अस्पताल के लिए जमीन भी आधिकारिक रूप से महानगरपालिका के नाम दर्ज की जा चुकी है।
नगरपालिका ने इस परियोजना के लिए सलाहकार व आर्किटेक्ट नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके लिए रुचि-सूचना (Expression of Interest) हाल ही में जारी की गई है।
राजनीतिक हस्तक्षेप और अतिक्रमण की कहानी
जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित अस्पताल स्थल के ठीक बगल में दिवाण नामक बिल्डर की जमीन है। इस क्षेत्र में पूर्व महापौर रूपेश जाधव द्वारा बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया है। सूत्रों के अनुसार, जाधव ने इसी अतिक्रमण को बचाने के लिए सर्वेक्षण कार्य में बाधा डाली और मौके पर मौजूद अधिकारियों और विधायक को धमकाया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जाधव ने विधायक राजन नाईक की ओर दौड़ते हुए काम रुकवाने का दबाव बनाया। अधिकारियों को भी डराने की कोशिश की गई ताकि सर्वेक्षण की प्रक्रिया आगे न बढ़ सके।
पहले भी किया था विरोध — श्मशानभूमि का बहाना
यह पहली बार नहीं है जब रूपेश जाधव ने इस अस्पताल परियोजना का विरोध किया है। इससे पहले भी उन्होंने दावा किया था कि अस्पताल के पास श्मशानभूमि होने के कारण यहां अस्पताल नहीं बनना चाहिए। हालांकि, जनभावना और दबाव के चलते, पूर्व विधायक क्षितिज ठाकुर के जन्मदिन के अवसर पर बहुजन विकास आघाड़ी ने इस परियोजना का प्रतीकात्मक उद्घाटन किया था, जबकि उस समय तक जमीन का हस्तांतरण नगर पालिका को नहीं हुआ था।
सरकारी मंज़ूरी और मुख्यमंत्री स्तर पर हस्तक्षेप
भाजपा विधायक राजन नाईक और नगरसेविका स्नेहा दुबे-पंडित ने इस मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से विशेष रूप से मुलाकात की थी। उनके निर्देश पर कोकण विभागीय आयुक्त विजय सूर्यवंशी और जिलाधिकारी इंदुराणी जाखर की उपस्थिति में 7 मार्च 2025 को बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि न्यायालय के नाम पर दर्ज यह भूमि अब महसूल विभाग को सौंपी जाएगी और अस्पताल के लिए आरक्षित की जाएगी।
महानगरपालिका के पास पर्याप्त निधि न होने के कारण विधायक नाईक और स्नेहा दुबे ने मांग की थी कि यह भूमि राज्य सरकार की ओर से निशुल्क दी जाए। कुछ तकनीकी कारणों के चलते प्रक्रिया में देरी हुई, लेकिन हाल ही में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।
स्थानीय नागरिकों में आक्रोश
अस्पताल के निर्माण में बार-बार बाधा डालने की कोशिश से स्थानीय नागरिकों में भारी रोष देखा जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि यह अस्पताल वसई-विरार क्षेत्र के लाखों लोगों के लिए वरदान साबित होगा और ऐसे में राजनीतिक कारणों से इसमें अड़ंगा डालना जनविरोधी कदम है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा —
“वसई-विरार में सरकारी अस्पतालों की भारी कमी है। अगर यह मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल बनता है तो हजारों गरीब मरीजों को सुविधा मिलेगी। लेकिन कुछ नेता केवल अपने निजी स्वार्थ के लिए इसे रोकना चाहते हैं।”