बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठाणे नगर निगम को निर्देश दिया है कि अवैध संरचनाओं को पानी और बिजली की आपूर्ति सार्वजनिक संकट के दौरान जनहित का उल्लंघन है। कोर्ट ने सरकारी दस्तावेजों की जांच तथा विभागीय जवाबदेही को भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
ठाणे, 24 जुलाई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठाणे नगर निगम (TMC) को अवैध निर्माणों को पानी और बिजली की आपूर्ति देने के मामले में कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने स्पष्ट कहा कि जल संकट के दौरान ऐसी आपूर्ति जनहित के खिलाफ और सार्वजनिक उपद्रव के समान है।
कोर्ट ने नगर आयुक्त को आदेश दिया कि वे 21 अवैध इमारतों के मामलों की पूरी जानकारी एकत्र कर अगली सुनवाई 4 अगस्त को रिपोर्ट के रूप में पेश करें। इसके साथ ही अदालत ने बिजली विभाग और नगर निगम के अधिकारियों से सहयोग की अपील की ताकि आगे से अवैध निर्माणों को कोई सुविधा न मिले।
कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि नकली दस्तावेजों के उपयोग की शिकायतों के लिए एक सार्वजनिक शिकायत अधिकारी (Public Grievance Officer) नियुक्त किया जाए, जो इस प्रकार की शिकायतों की निष्पक्ष जांच करे।
ठाणे में जल संकट गंभीर रूप ले चुका है, जहां सामान्य बारिश के बावजूद जल प्रबंधन की विफलता के कारण नागरिकों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा।