Home ताजा खबरें दादर में महिलाओं ने तोड़ी 2025 की पहली दही हांडी; जय जवान गोविंदा पथक ने फिर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड पुकारा
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दादर में महिलाओं ने तोड़ी 2025 की पहली दही हांडी; जय जवान गोविंदा पथक ने फिर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड पुकारा

दादर दही हांडी उत्सव 2025 में महिलाओं की जीत
दादर दही हांडी उत्सव 2025 में महिलाओं की जीत

दादर में महिलाओं ने दृढ़ हौसले से 2025 की पहली दही हांडी फोड़कर उत्सव की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि जय जवान गोविंदा पथक ने 50 फीट ऊँचे पिरामिड से भी ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड’ बनाया है।

मुंबई, 16 अगस्त: मुंबई के दादर में इस साल जनमाष्टमी के पहले दही हांडी उत्सव में एक अनूठा नज़ारा देखने को मिला। महिलाओं की एक टीम ने पर्व की पहली हांडी सफलतापूर्वक तोड़ी एक प्रतीकात्मक कार्य जिसने औऱतों की शक्ति, समर्पण और उत्सव में बराबर हिस्सेदारी की भावना को जीवंत कर दिया। एक प्रतिभागी ने कहा, “हम एक महीने तक तैयारी कर रहीं… आज कम से कम 10 हांड़ियां तोड़ेंगे।” यह न केवल उत्सव का आगाज था, बल्कि विश्वास और समुदाय की ऊर्जा का उत्सव था। मुंबई की गलियों और मोहल्लों में अब “गोविंदा आला रे” की गूंज महिलाओं के जोश से भीाधिक मज़बूत हो गई है। यह सिर्फ मटकी फोड़ने की रस्म नहीं, बल्कि आज़ादी, आत्मविश्वास और अपनी परंपरा का सम्मान है।

  • जय जवान गोविंदा पथक: दही हांडी में नया मुकाम

दूसरी ओर, उत्सव का दूसरा पहलू है पुष्ट शरीर, सामूहिक निष्ठा और वैश्विक पहचान। 2012 में, जोगेश्वरी का जय जवान गोविंदा पथक 13.34 मीटर (43.79 फीट) ऊँची मानव पिरामिड बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कर चुका है। लेकिन चुनौती उन्हें थमा नहीं 2022 में उन्होंने खुद की रिकॉर्ड तोड़ते हुए 50 फीट ऊँचा पिरामिड बनाया और पक्के इरादों से दही हांडी फोड़ी, जिसने भारतीय संस्कृति और साहस का मान बढ़ाया। यह उपलब्धि जय जवान पथक की निरंतरता और आत्मबल का प्रमाण है कि परंपरा को आत्मा देनी हो तो जुनून और अभ्यास का मिलन अपरिहार्य है।

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  • पारंपरिक और आधुनिक का अद्भुत संगम

दही हांडी, जन्माष्टमी का अनिवार्य अंग, सिर्फ तौहीन नहीं, बल्कि उत्सव को उत्साहवर्धक बनाने वाला मोड़ भी है। मटके के ऊपर से गिरते दूध‑मट्ठा का दृश्य, “गोविंदा आला रे” की गूँज, और बच्चों का उत्साह इन सबकी अनुभूति में हर साल नए रंग जुड़ते गए हैं। आजकल इस त्योहार में आधुनिकता और व्यावसायिकता की बस्तियाँ भी जुड़ गई हैं ‘प्रो गोविंदा लीग’ के तहत टीम ऑक्शन, टीवी कवरेज और विशाल पुरस्कार राशि ने इसे खेल की शक्ल दे दी है। लेकिन जादू अभी भी हमारे उत्साह, हमारी तैयारी और हमारी संस्कृति में बसता है।

  • उत्सव का असली सार: मानवता, निष्ठा, और विश्वास

महिलाओं की इस जीत से हमें यही संदेश मिलता है दही हांडी सिर्फ पिरामिड नहीं, यह विश्वास की नींव पर खड़ी होती है। गिनीज रिकॉर्ड की शिखरता जितनी प्रेरणादायक है, माहौल उतना ही मानवता भरा होना चाहिए। हर ट्वीट, हर चीख, हर गिरावट और हर उठान के पीछे वही ऊर्जा होती है जो हमें जोड़ती है।

यह उत्सव हमें याद दिलाता है कि हम कितनी ताकत हासिल कर सकते हैं यदि हम एक साथ खड़े हों, एक सुर में पुकारें “गोविंदा आला रे,” और अपनी पहचान से गर्व करें।

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