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वसई-विरार में दहिसर टोल नाका विवाद: वन मंत्री गणेश नाईक ने किया स्पष्ट, स्थलांतरण नहीं होगा

वसई-विरार और वर्सोवा में दहिसर टोल नाका स्थलांतरण को लेकर विवाद बढ़ गया है। वन मंत्री गणेश नाईक ने स्पष्ट किया कि वसई या वर्सोवा में टोल नाका नहीं बनेगा। भूमि और पर्यावरणीय कारणों से प्रस्तावित स्थलांतरण रद्द होने की संभावना है। भूमिपुत्र संघटना ने विरोध जताते हुए जनआंदोलन की चेतावनी दी है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से इस मुद्दे पर चर्चा की है। आगामी महापालिका चुनावों के मद्देनजर यह राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।

वसई/मुंबई: वसई-विरार और वर्सोवा क्षेत्र में दहिसर टोल नाका (पथकर नाका) के स्थलांतरण को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक विवाद तेज हो गया है। वन मंत्री गणेश नाईक ने स्पष्ट कर दिया है कि वसई-विरार क्षेत्र या वर्सोवा में टोल नाका स्थानांतरित नहीं होगा। इससे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी शिवसेना द्वारा प्रस्तावित स्थलांतरण योजना पर अड़चन पैदा हो गई है।

मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर वर्सोवा में टोल नाका स्थानांतरित करने की घोषणा उपमुख्यमंत्री शिंदे ने की थी। इसके बाद परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इस दिशा में कार्यवाही भी शुरू की। लेकिन स्थलांतरण की प्रस्तावित जगह वन विभाग की जमीन होने और आसपास के गांवों पर असर पड़ने के कारण विवाद खड़ा हो गया।

वन मंत्री नाईक ने भूमिपुत्र संघटना को आश्वासन दिया है कि पालघर जिले के वसई क्षेत्र में किसी भी हाल में टोल नाका नहीं बनेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगर प्रारंभिक रूप से जकात नाका की जमीन टोल नाके के विस्तार के लिए उपलब्ध होती, तो यह समस्या पहले ही हल हो जाती, लेकिन कुछ लोगों ने निजी लाभ के लिए यह जमीन डेवलपर्स को बेच दी।

प्रताप सरनाईक और वन मंत्री नाईक के बीच इस मुद्दे को लेकर मंत्रिमंडल में चर्चा हुई। नाईक ने कहा कि सरनाईक का उद्देश्य लोगों की सेवा करना है और वे ट्रैफिक जाम को हल करना चाहते हैं। लेकिन वर्सोवा या वसई में टोल नाका नहीं होगा, यह स्पष्ट है।

इस बीच, भूमिपुत्र संघटना ने इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाया है। संघटना के अध्यक्ष सुशांत पाटील ने आरोप लगाया कि मुंबई का टोल नाका वसई-विरार पर थोपने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस पर कोई समाधान नहीं निकला तो सभी ग्रामीण मिलकर बड़े पैमाने पर जनआंदोलन करेंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी महापालिका चुनावों के मद्देनजर दहिसर टोल नाका स्थलांतरण विवाद राजनीतिक रूप से और भी संवेदनशील हो सकता है।

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