धारावी पुनर्विकास योजना को लेकर CEO SVR श्रीनिवास ने बताया कि यह सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है। मकानों के साथ रोजगार, धार्मिक स्थल और संस्कृति को भी संपूर्ण सम्मान मिलेगा।
नवी मुंबई, 25 जुलाई: देश की सबसे बड़ी शहरी पुनरुत्थान परियोजना धारावी पुनर्विकास योजना (DRP) को लेकर परियोजना के सीईओ SVR श्रीनिवास ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से “मिनी इंडिया” को पुनर्जीवित करने का प्रयास है।
🏗️ मकान के साथ रोजगार और संस्कृति को भी सम्मान
श्रीनिवास ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य सिर्फ लोगों को नया घर देना नहीं है, बल्कि उनके व्यवसाय, धार्मिक स्थलों और संस्कृति को पूरी तरह सम्मान और पुनर्स्थापन देना भी है।
उन्होंने कहा, “कोई भी बेघर नहीं रहेगा। पात्र लोगों को धारावी में ही फ्लैट मिलेंगे और अपात्रों को किराए पर नज़दीकी क्षेत्रों में घर दिए जाएंगे।”
धारावी के लेदर, टेक्सटाइल, रीसायक्लिंग, फूड प्रोसेसिंग जैसे व्यवसाय धारावी के भीतर ही चलते रहेंगे ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था और आजीविका में कोई बाधा न आए।
🛕 धार्मिक स्थलों और परंपराओं को भी मिलेगा स्थान
श्रीनिवास ने वादा किया कि सभी धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण समुदाय की सहमति से पूरी श्रद्धा के साथ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि DRP में हर वर्ग की सांस्कृतिक पहचान सुरक्षित रहेगी।
☎️ टोल फ्री हेल्पलाइन पर जनता की भागीदारी
पिछले 30 दिनों में DRP की हेल्पलाइन पर 700 से ज्यादा कॉल आए, जिनमें से 41% लोग खुद सर्वे में भाग लेना चाहते थे। इससे साफ है कि धारावी के लोग परिवर्तन के लिए तैयार हैं।
📆 7 साल में बदलाव का लक्ष्य
श्रीनिवास ने कहा कि 7 वर्षों के भीतर धारावी का चेहरा पूरी तरह बदल जाएगा। उन्होंने दोहराया: “यह एक परिवर्तन नहीं, बल्कि स्थायी सामाजिक उत्थान है।”