मुंबई/हैदराबाद, 15 मई 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ED), मुंबई जोनल ऑफिस-II ने मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत 13 ठिकानों पर एक बड़ा तलाशी अभियान चलाया। 14 और 15 मई को मुंबई (ED Raid Vasai Virar 2025) और हैदराबाद में हुई इस कार्रवाई में ईडी ने लगभग ₹9.04 करोड़ नकद और ₹23.25 करोड़ की हीरे जड़ी ज्वेलरी व सोना-चांदी जब्त की। इसके साथ ही बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।

यह कार्रवाई मीरा-भायंदर पुलिस (MBVV) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई, जिसमें वसई विरार महानगरपालिका (VVMC) क्षेत्र में 2009 से चल रहे अवैध निर्माण घोटाले का खुलासा हुआ। जांच में सामने आया कि बिल्डरों और डेवलपर्स ने “सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट” और “डंपिंग ग्राउंड” के लिए आरक्षित जमीन पर 41 अवैध इमारतें खड़ी कर दी थीं, जिन्हें नकली मंजूरी दस्तावेजों के जरिए आम जनता को बेचा गया।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 08 जुलाई 2024 को इन सभी इमारतों को गिराने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा। VVMC ने 20 फरवरी 2025 को 41 अवैध इमारतों को ध्वस्त किया।

ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि इस पूरे घोटाले में वसई विरार महानगरपालिका के अधिकारियों की मिलीभगत थी। प्रमुख साजिशकर्ताओं में श्री सीताराम गुप्ता और श्री अरुण गुप्ता शामिल हैं। टाउन प्लानिंग डिप्टी डायरेक्टर श्री वाई. एस. रेड्डी के ठिकानों से ₹8.6 करोड़ नकद और ₹23.25 करोड़ की ज्वेलरी व बुलियन जब्त की गई।
ED अधिकारियों का मानना है कि यह वसई-विरार क्षेत्र में हुआ अब तक का सबसे बड़ा निर्माण घोटाला है, जिसमें सरकारी अधिकारियों की सीधी संलिप्तता सामने आई है। जांच अब भी जारी है और कई और गिरफ्तारी संभव हैं।
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