भूमि अभिलेख विभाग के तत्कालीन उप अधीक्षक हेमंत भोये को विभागीय जांच के तहत 7 दिनों में लिखित जवाब देने का निर्देश जारी किया गया है। अनुपस्थित रहने पर सेवा समाप्ति संभव।
पालघर, 6 अगस्त: पालघर के मंडणगड तालुका में तैनात भूमि अभिलेख विभाग के तत्कालीन उप अधीक्षक हेमंत पांडुरंग भोये के खिलाफ चल रही विभागीय जांच एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। विभाग ने उनके अनुपस्थित रहने और पते पर ज्ञापन न मिलने के कारण अब अखबार के माध्यम से सार्वजनिक सूचना जारी की है।
⚖️ न्यायिक प्रक्रिया की वैधता बनाए रखने का प्रयास
भूमि अभिलेख कोकण प्रभाग, मुंबई कार्यालय ने बताया कि यदि अधिकारी को उत्तर देने का अवसर नहीं दिया गया, तो भविष्य में न्यायालय में विभागीय कार्रवाई को प्राकृतिक न्याय के उल्लंघन के कारण खारिज किया जा सकता है। इसी कारण यह कदम उठाया गया है।
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⏳ 7 दिनों में देना होगा लिखित जवाब
यदि हेमंत भोये निर्धारित समय में अपना लिखित पक्ष विभाग के समक्ष प्रस्तुत नहीं करते हैं, तो महाराष्ट्र नागरी सेवा (शिस्त व अपील) नियम 1979 के नियम 13(2) के तहत, उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है।
❗ क्या है नियम 13(2)?
यह नियम कहता है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी बिना सूचना के लंबे समय तक अनुपस्थित रहता है और विभागीय जांच में जवाब नहीं देता, तो इसे उसकी सेवा में अरुचि मानते हुए सेवा समाप्ति की कार्यवाही की जा सकती है।
यह मामला दर्शाता है कि सरकारी अनुशासनात्मक प्रक्रियाएं अब सख्त और पारदर्शी होती जा रही हैं। यदि हेमंत भोये समय रहते जवाब नहीं देते, तो उनकी सरकारी सेवा का अंत तय माना जा सकता है।
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