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भारत-पाक मैच पर ओवैसी का सवाल: बेटियों को विधवा बनाने वालों संग क्रिकेट, यह कैसी जीत?

भारत ने पाकिस्तान को हराया, ओवैसी ने सवाल उठाए
भारत ने पाकिस्तान को हराया, ओवैसी ने सवाल उठाए

भारत-पाकिस्तान मैच पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान—कहा, असली जीत उन लोगों की नहीं हो सकती जिन्होंने हमारी बेटियों को विधवा और बच्चों को अनाथ बनाया। साथ ही सरकार से पूछा कि क्या 26 जानों से बड़ा एक मैच की कमाई है।

मुंबई, 16 सितंबर: रविवार को एशिया कप में भारत ने पाकिस्तान को सात विकेट से हराकर जोरदार जीत हासिल की। यह जीत क्रिकेट प्रेमियों के लिए खुशी का मौका थी, लेकिन इसके साथ ही राजनीति में नई बहस छिड़ गई। विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए कि, क्या पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना सही है, जब हाल ही में दोनों देशों के बीच खूनी टकराव हुआ था?

  • पहलगाम हमले और मई की झड़पें

याद दिला दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। इसी घटना ने मई में भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य झड़पों को जन्म दिया, जिसमें 70 से अधिक लोग मारे गए। भारत ने इसके जवाब में पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। ऐसे हालात में क्रिकेट मैच का होना विपक्ष के निशाने पर आ गया।

  • ओवैसी का सवाल – जीत की असली कीमत क्या?

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भावुक शब्दों में कहा,“भारत को हर जगह जीतना चाहिए, चाहे क्रिकेट में हो या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में। लेकिन जीत का मानक यह नहीं हो सकता कि हम उन्हीं लोगों के साथ खेलें जिन्होंने हमारी बेटियों को विधवा और बच्चों को अनाथ बना दिया। यह कोई विजय नहीं है।

उन्होंने केंद्र सरकार से सीधे सवाल पूछा कि, क्या एक क्रिकेट मैच से मिलने वाले ₹2000-₹3000 करोड़ हमारे 26 नागरिकों की जान से ज्यादा कीमती हैं?

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  • ‘देशभक्ति’ बनाम ‘क्रिकेट कूटनीति’

ओवैसी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि “बीजेपी जब देशभक्ति की बात करती है तो बेहद आक्रामक होती है, लेकिन क्रिकेट मैच आते ही पीछे हट जाती है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कहते थे कि “आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते, पानी और खून साथ नहीं बह सकते”, तो अब इस नीति से क्यों पीछे हटे?

  • शहीद परिवारों के साथ खड़े रहने का दावा

ओवैसी ने याद दिलाया कि उनकी पार्टी AIMIM हमेशा पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि,क्या सरकार ने क्रिकेट को प्राथमिकता देकर इन परिवारों के जख्मों को और गहरा नहीं कर दिया?

 इस तरह भारत की इस शानदार क्रिकेट जीत ने जहां खेल प्रेमियों को रोमांचित किया, वहीं ओवैसी जैसे नेताओं ने इसे भावनाओं और शहीदों की कुर्बानियों से जोड़कर सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

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