मुंबई | कोर्ट रिपोर्ट: जयपुर–मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में जुलाई 2023 में हुई फायरिंग घटना के आरोपी और बर्खास्त आरपीएफ कांस्टेबल चैतनसिंह चौधरी ने सेशन कोर्ट में एक नई जमानत याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने गंभीर मानसिक बीमारी का हवाला देते हुए न्यायिक हिरासत से राहत देने का अनुरोध किया है।
अब तक 13 गवाहों के बयान दर्ज
अभियोजन पक्ष के अनुसार, इस मामले में अब तक 13 गवाहों की गवाही रिकॉर्ड की जा चुकी है।
चैतनसिंह के वकील ने दलील दी:
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मुकदमे में अभी लंबा समय लग सकता है
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आगे की जांच या गवाही के लिए उनकी पुलिस हिरासत जरूरी नहीं
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जेल में रहने से “कोई उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा”
याचिका में मानसिक स्वास्थ्य का हवाला
जमानत आवेदन में दावा किया गया है कि:
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आरोपी गंभीर मानसिक विकार (Serious Mental Disorder) से पीड़ित है
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उसे व्हाइट मैटर डिज़ीज़ है
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घटना के समय उसे “किसी बात की पूरी जानकारी नहीं थी”
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वह डिल्यूजनल एपिसोड, भ्रम और मानसिक अस्थिरता से गुजरता है
आवेदन में निजी मनोचिकित्सक से इलाज की अनुमति भी मांगी गई है।
कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से जवाब मांगा
सेशन कोर्ट ने इस जमानत याचिका पर अभियोजन से विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।
अगली सुनवाई में राज्य पक्ष अपना स्टैंड स्पष्ट करेगा।
चैतनसिंह पर गंभीर आरोप
घटना 31 जुलाई 2023 की है, जब ट्रेन पालघर क्षेत्र से गुजर रही थी।
आरोप है कि चैतनसिंह ने:
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अपने वरिष्ठ एएसआई टीका राम मीणा
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और तीन यात्रियों
को गोली मारकर हत्या कर दी थी।
घटना के बाद उसे मौके पर हिरासत में लिया गया था।
पहली जमानत याचिका दिसंबर 2023 में खारिज
दिसंबर 2023 में कोर्ट ने उसकी पहली जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि:
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घटना के समय वह “असामान्य मानसिक स्थिति में नहीं था”
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फायरिंग जान-बूझकर और लक्ष्य चुनकर की गई प्रतीत होती है
अगली सुनवाई पर नजर
नई जमानत याचिका पर कोर्ट जल्द ही सुनवाई करेगा।
अभियोजन का जवाब आने के बाद अगला निर्णय लिया जाएगा।
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