Maharashtra Politics: एनसीपी-एससीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने सनातन धर्म को “विकृत विचारधारा” बताते हुए कहा कि इसने भारत को बर्बाद किया, जिससे राजनीतिक हलकों में नई बहस छिड़ गई है।
मुंबई,3 अगस्त : एनसीपी-एससीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने एक बार फिर विवादों में खुद को घेर लिया है। थाणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने सनातन धर्म को “विकृत विचारधारा” बताते हुए कहा कि “यह धर्म भारत के पतन का कारण रहा है।” उनके इस बयान से न सिर्फ धार्मिक हलकों में, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी नई बहस छिड़ गई है।
🔥 क्या कहा जितेंद्र आव्हाड ने?
आव्हाड ने कहा: “सनातन धर्म नाम का कोई धर्म नहीं है। यही तथाकथित सनातन धर्म छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक नहीं होने देता था और डॉ. अंबेडकर को पानी पीने की अनुमति तक नहीं देता था।”
आव्हाड ने आगे आरोप लगाया कि इस धर्म के नाम पर:
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महात्मा फुले पर हमला किया गया
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सावित्रीबाई फुले पर गोबर फेंका गया
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शाहू महाराज की हत्या की साजिश रची गई
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मनुस्मृति जैसे अन्यायपूर्ण ग्रंथों का प्रचार हुआ
उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने इसी विचारधारा के खिलाफ संघर्ष करते हुए मनुस्मृति को जलाया, और यही देश के लिए सही रास्ता था।
⚖️ राजनीतिक प्रतिक्रिया:
आव्हाड के इस बयान पर भाजपा, शिवसेना और कांग्रेस समेत कई दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इसे हिंदू परंपराओं पर हमला और धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास बताया जा रहा है।